Saturday, September 24, 2011

कुछ घंटे बाद धरती से टकराएगा 5,900 किलो का सेटेलाइट, गिरेंगे 20 टुकड़े

फ्लोरिडा (अमेरिका). एक बस का आकार का बेकाबू सेटेलाइट धरती पर कभी भी कहर ढा सकता है। 2005 से बेकार पड़ा (निष्क्रिय) नासा का यूएआरएस सेटेलाइट  अंतरिक्ष में घूम रहा है। लेकिन चिंता की बात यह है कि शुक्रवार रात से लेकर शनिवार सुबह के बीच नासा का यह सेटेलाइट कभी भी धरती से टकरा सकता है। नासा की तरफ से जारी ताज़ा बयान में कहा गया है कि सेटेलाइट उत्तरी अमेरिका से नहीं टकराएगा। लेकिन नासा ने यह नहीं साफ किया है कि आखिरकार यह सैटेलाइट धरती के किस हिस्‍से से टकराएगा। नासा का यह भी दावा है कि सैटेलाइट की टक्‍कर से धरती पर नुकसान जरूर होगा।
सेटेलाइट का वजन 5,900 किलोग्राम है। यह धरती के वायुमंडल में प्रवेश करते ही 20 टुकड़ों में बंट जाएगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक इसके कई टुकड़े तो धरती की कक्षा में प्रवेश करते ही जल जाएंगे लेकिन कुछ टुकड़ों के धरती पर करीब 800 किलोमीटर की दूरी में बिखरने की आशंका है।  इन टुकड़ों की कुल वजन करीब 500 किलो होगा।   चूंकि, सेटेलाइट लगातार अपनी दिशा बदल रहा है, ऐसे में नासा के जानकार भी इस बात का पूरी तरह से अंदाजा नहीं लगा पा रहे हैं कि सेटेलाइट के टुकड़े धरती पर कब और कहां गिरेंगे।
यह सेटेलाइट 35 फुट लंबे और 15 फुट चौड़ाई वाले इस सेटेलाइट को ओज़ोन और पृथ्वी के वायुमंडल में मौजूद रसायनों के अध्ययन के लिए 1991 में अंतरिक्ष में भेजा गया था। लेकिन 2005 में इसने काम करना बंद कर दिया था। 

3,200 में से 1 के बराबर है इंसान से टकराने की संभावना
नासा का कहना है कि चूंकि धरती का 75 फीसदी हिस्सा पानी, रेगिस्तान और ऐसी जगहों से मिलकर बना है, जहां इंसानी आबादी नहीं है। नासा के अनुमान के मुताबिक यूएआरएस के मलबे के हिस्सों के किसी इंसान पर गिरने की आशंका 3,200 में 1 के बराबर है। नासा का यह भी कहना है कि सेटेलाइट उत्तरी अमेरिका के ऊपर से इस दौरान नहीं गुजरेगा। 
 
पहले भी अंतरिक्ष से गिर चुके हैं टुकड़े जुलाई, 1979 में धरती पर स्काईलैब स्पेस स्टेशन के टुकड़े आकर गिरे थे। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में गिरे स्काईलैब के टुकड़ों से किसी को चोट नहीं लगी थी। लेकिन स्थानीय प्रशासन ने गंदगी फैलाने के लिए नासा पर 400 अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाया था। स्काईलैब का आकार यूएआरएस से ज़्यादा बड़ा था। स्काईलैब का आकार एक बड़े घर जैसा था।   
 

आपकी राय व निवदेन क्या ऐसे सेटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे जाने चाहिए?  क्या नासा को इसकी जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए? अगर नासा इसे नियंत्रित नहीं कर पा रहा है तो ऐसे अंतरिक्ष अभियान की क्या जरूरत थी? आप खबर पर अपना कमेंट्स लिखते समय भाषा का खयाल रखें। निजी या आपत्तिजनक टिप्‍पणी किसी भी सूरत में नहीं करें। ऐसी टिप्‍पणी साइट से हटा दी जाएगी और इसके लिए अगर कोई पक्ष कानूनी कार्रवाई करता है तो उसकी जिम्‍मेदारी भी कमेंट करने वाले की ही होगी।

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