Thursday, October 22, 2015

स्वप्नों के शुभ - अशुभ होने के संकेतों पर चर्चा.......


स्वप्न हमारे संगी हैं ...
रात हो या दिन , ये कभी-भी हमारा साथ नहीं छोडते।
नींद के दौरान भावनाओं, विचारों और इंद्रिय-ज्ञान का
चित्र अचेतावस्था में हमारे मन-मस्तिष्क में बनता रहता है, जिसे
हम... स्वप्न कहते हैं।
हालांकि आज भी वैज्ञानिक इसके बारे में ठीक-ठीक नहीं
बता पाते हैं कि ये कैसे और क्यों बनते हैं ? लेकिन भारतीय ग्रंथ,
देशी-विदेशी चिंतक सपनों के बारे में बहुत कुछ कहते हैं।
इन्सान मे यह गुण है कि वह सपनों को सजाता रहता है या ...
यूँ कहे कि भीतर उठने वाली हमारी भावनाएं ही सपनो का रूप
धारण कर लेती हैं । इन उठती भावनाओं पर किसी का नियंत्रण
नही होता । हम लाख चाहे,लेकिन जब भी कोई परिस्थिति या
समस्या हमारे समक्ष खड़ी होती है,हमारे भीतर भावनाओं का
जन्म होनें लगता है ।
ठीक उसी तरह जैसे कोई झील के ठहरे पानी में पत्थर फैंकता है
तो पानी के गोल-गोल दायरे बननें लगते हैं । यह दायरे प्रत्येक
इन्सान में उस के स्वाभावानुसार होते हैं । इन्हीं दायरों को
पकड़ कर हम सभी सपने बुननें लगते हैं ।
यह हमारी आखरी साँस तक ऐसे ही चलता रहता है ।
पाश्चात्य चिंतकों ने भी सपनों का विश्लेषण किया है ... इनमें
फ्रॉयड का नाम उल्लेखनीय है।
उनका इंटरप्रिटेशन ऑफ ड्रीम्स बहुत लोकप्रिय हुआ।
फ्रॉयडके अनुसार, हम अपनी नींद को तीन अवस्था में बांट सकते
हैं-...
चेतन - कॉन्शस ,
अचेतन - अनकॉन्शस ,
अर्धचेतन - सब कॉन्शस ।
अर्धचेतन अवस्था में ही हम स्वप्न देखते हैं।
उनके अनुसार, स्वप्न में हम सभी उन्हीं इच्छाओं को पूरी होते हुए
देखते हैं , जिसे हम अपने मन में दबाए रखते हैं। यह इच्छा किसी
लक्ष्य को पाने, यहां तक कि हमारी दमित काम भावना भी
हो सकती है।
फ्रॉयड का कहना था कि ....हमें उन स्वप्नों को सच मानने के
बजाय उनका विश्लेषण करना चाहिए।
हमारा हर सपना कुछ न कुछ कहता है।
कुछ सपने निराशा देते हैं , तो कुछ जीवन में खुशियों की लहर भर
देते हैं।
सपनों का संबंध आत्मा से होता है....।
जब व्यक्ति नींद में होता है, तब उसका शरीर आत्मा से अलग
होता है , क्योंकि आत्मा कभी सोती नहीं।
जब मानव निद्रावस्था में होता है तो उसकी पाँचों
ज्ञानेंद्रियाँ उसका मन और उसकी पाँचों कर्मेंद्रियाँ अपनी-
अपनी क्रियाएँ करनी बंद कर देती हैं और व्यक्ति का मस्तिष्क
पूरी तरह शांत रहता है।
उस अवस्था में व्यक्ति को एक अनुभव होता है , जो उसके जीवन
से संबंधित होता है। उसी अनुभव को स्वप्न कहा जाता है।
इस बारे में सभी स्वप्न विचारकों के अपने-अपने मत है ....।
कुछ विचारक मानते हैं कि सपनॊं का दिखना इस बात का
प्रमाण है कि आप के भीतर कुछ ऐसा है जो दबाया गया है। वहीं
सपना बन कर दिखाई देता है ।
हम कुछ ऐसे कार्य जो समाज के भय से या अपनी पहुँच से बाहर
होने के कारण नही कर पाते, वही भावनाएं हमारे अचेतन मन में
चले जाती हैं और अवसर पाते ही सपनों के रूप में हमे दिखाई देती
हैं । यह स्वाभाविक सपनों की पहली स्थिति होती है ।
एक दूसरा कारण जो सपनों के आने का है ...,वह है किसी रोग
का होना।
प्राचीन आचार्य इसे रोगी की “स्वप्न-परिक्षा” करना कहते थे

हम जब भी बीमार पड़ते हैं तो मानसिक व शरीरिक पीड़ा के
कारण हमारी नीदं या तो कम हो जाती है या फिर झँपकियों
का रूप ले लेती है ।
ऐसे में हम बहुत विचित्र-विचित्र सपने देखते हैं । कई बार ऐसा भी
होता है कि बहुत डरावनें सपने आने लगते हैं । जिस कारण रात को
कई-कई बार हमारी नीदं खुल जाती है और फिर भय के कारण हमे
सहज अवस्था मे आने में काफी समय लग जाता है ।
कुछ रोचक जानकारियां स्वपन के बारे मे इस प्रकार हैं ....-
1. पीछा करने वाले सपने –
इस सपने मे प्राय: ये होता है कि.... कोई आपका पीछा कर रहा
है
, इसमें कई बार कोई हमला करने वाला या कोई अज्ञात आपको
मारने के लिए पीछा करता है। दरअसल सपने मे दिखाया गया
हमलावर आपके भीतरी भावना को दिखाता है।
अधिकतर यह आपके अंदर के क्रोध, ईर्ष्या, डर या प्यार हो सकता
है। प्यार की भावना, प्यार में ठुकराया हुआ, महिलाओ के
असुरक्षित होने के डर से भी इस तरह के सपने आते हैं।
2. परीक्षा वाले सपने –
कई बार पेपर पूरा न होने का सपना, पेपर मिलने पर कुछ भी न
आना, परीक्षा में लेट हो जाना, पेन या पेन्सिल की नीप टूट
जाना दिखाई देना हैं।
इन सपनो का संबंध परीक्षा से सामान्यत: परीक्षा से नही
होता ...बल्कि उस व्यक्ति को परीक्षा मे काफी अच्छे नम्बर
आते हैं।
ये सपने दर्शाते है कि आप कुछ चीजो पर चाह कर भी ध्यान नही
दे पा रहे है या उन्हें अनदेखा कर रहे है। उन मुद्दो को निपटाना
बहुत जरूरी है। आपके अंदर क्लानि है.. किसी प्रोजेक्ट डील को
पूरा नही करने की।
3. गिरने वाले सपने –
कई बार सपनो मे उचांई से नीचे गिरते हुये दिखते है,
कई बार जमीन से भी टकरा जाते हैं। यह सपना समान्यत: उस
व्यक्ति के अंदर आक्रोश व कई बार सोच मे अस्थिरता दिखाता
है कि जिन्दगी मे उस व्यक्ति का अपने उपर संयम नही हो पा
रहा है।
कई बार यह ओहदा कम होना, प्यार में असफल होना या किसी
के द्वारा अपमानित किये जाने को भी दर्शाता हैं।
4. उडने वाले सपने –
बहुत बार आप आसमान में उडते हुये दिखाई देते है। नीचे दिखने वाले
दृश्य बहुत खुबसूरत दिखते है और आप उसका आनन्द लेते है| कई बार
यह सपना देखते हुवे आप अधनींदे भी हो जाते है परन्तु मजे भी लेते
रहते हो।
यह सपना दिखाता है कि आप कई परिस्थितियों में, प्रोजेक्ट
में, विचारों मे, अपनी पकड़ बनाये रखने में सक्षम है। आपमें
अतिरिक्त शक्ति बढ़ेगी आप लोगों से ऊंचे पद पर बैठने की
क्षमता रखते है।
यदि उडते वक्त रास्ते मे झाड, पहाड इत्यादि आपका रास्ता
रोकते है तो यह दर्शाता है कि कोई व्यक्ति या आपकी कोई
भावना आपके उत्थान मे बाधा है। कई बार यह रुकावट आपको
आत्मविश्वास की कमी भी दर्शाता है।
5. दांत का टूटना –
कई बार सपनो मे आपके पूरे दांत टूट जाते है या एक-एक करके आपके
पूरे दांत निकलने लगते है।
कई बार सोते-सोते ऐसा लगता है कि आपके दांत सड़ गये और कुछ
भी खाये तो सब गिर जायेगें।
यह सपना अंकित करता है कि आप अपने शक्ल सूरत और बाहरी
बनावट के प्रति बहुत सोचते हैं| आपको यह परेशानी रहती है की
दूसरे आपके बारे क्या सोचते है? कई बार यह आपके किसी
परिस्थिति विशेष में दूसरो द्वारा मजाक बनाये जाने का डर
भी दर्शाता है।
अगर दांत टूटना आपको सपने मे दिखता है तो यह आपके अंदर एक
भावना उपजने पर भी होती है कि ..आपके अच्छे और बढ़िया
विचार पर दूसरा कोई ध्यान नही देता। कई बार दांतो का
सड़ना या एक दो दातों का टूटा हुआ दिखना किसी प्रियजन
के बीमार होने को दर्शाता है।
यदि आपके पूराने दांत टूटकर नये दांत आते दिखते है तो इसका
अर्थ यह होता है आपको पैसा प्राप्त होने की संभावना प्रबल
है।
6. नग्न दिखने वाले सपने-
यदि आप सपने मे नग्न दिखाई देते है , मुख्यत: यह सपना उन लोगों
को आता है जो अधिक शर्मीले रहते है और जो आपने भीतर बहुत
सी बाते छुपा कर रखते हैं उन्हें डर होता है कि कोई उनकी छिपी
बातों को देख लेगा।
कई बार सपने में आप कपड़े उतारते हुवे दिखते है। यह दर्शाता है कि
कोई भावनात्मक रूप से आपके साथ छेड़छाड़ कर सकता है।
कई बार यह नये रिश्ते की शुरूआत भी हो सकती है।
कई बार आप अपने कक्षा या कार्य की जगह पर बिना कपड़े के
दिखते है तो इसका अर्थ यह होता है कि कोई निर्णय जिसे
आपको समय पर ठीक से ले लिया जाना चाहिये था ... उसके
बारे में आप निश्चिंत नही है।
नग्न सपनो की खास बात यह होती है कि ...उस सपने मे दूसरे
लोग आपकी नग्नता पर बहुत ध्यान नही देते। इसका अर्थ यह
होता है कि बहुत सी गलतियां आपके भीतर डर पैदा कर देती है
पर यह दूसरे लोगों की जानकारी मे नही हैं।
कई बार सपने की नग्नता मे आप बहुत खुश व नाचते गाते दिखाई
देते है इसका अर्थ यह होता है कि आपकी ईमानदारी, खुलापन
और बिंदास स्वभाव पर आपको भरोसा व गर्व हैं।
इस प्रकार के स्वप्न भी सभी आते हैं जिनका विश्लेषण है -
– सपने में वाहन देखने का अर्थ है कि...
आपके जीवन में कुछ नयी दिशायें आने को है और आप एक बेहतर
कल की ओर बढ़ने वाले हैं ।
परन्तु ध्यान रहे की आपने जिस वाहन को देखा है वह अच्छी
स्थिति में है , अन्यथा इसका विपरीत फल प्राप्त होगा ।
– सपने में अपने आप को मरते हुए देखने का अर्थ है की...
जीवन में बाद बदलाव आने वाले हैं ।
– सपने में सांप की बिल अथवा संकरी गली देखने का अर्थ है
की...
जीवन में परेशनियाँ आने वाली हैं ।
अगर आप पाने किसी प्रियजन अथवा मित्र के मृत्योपरांत सांप
देखते हैं तो इसका अर्थ है की उस व्यक्ति की आत्मा को शांति
मिल गयी ।
वैसे तो सांप को देखना अत्यंत कामुकता का सूचक है ... इसी
तरह यदि सांप किसी खजाने की रखवाली करता हुए दिखे तो
आकस्मिक धन लाभ का योग बनता है ।
–सपने में यदि अपने आप को माला जपते देखा तो समझे कि ...
सारी चिंताओं से मुक्त होने का समय आ गया है।
–सपने में खिले हुए गुलाब के फूल देखने से मनोकामना पूर्ण होती
है।
–यदि आपने सपने में भवन निर्माण होते हुए देखा तो आपको यह
मान लेना चाहिए कि आपकी आर्थिक स्थिति में जबरदस्त
उछाल आने को है ।
– स्वयं को पतंग उड़ाते देखने का अर्थ है ,व्यापर में लाभ होना ।
–सपने में यदि कोई व्यक्ति अपने शत्रु को मित्र बना ले तो उसे
व्यवसाय में अप्रत्याशित सफलता मिलती है ।
–यदि आप स्वप्न मे किसी बड़ी इमारत का गुम्बद देखें तो समझे
कि शीघ्र ही पद्दोनती होने वाली हैं ।
–अगर खुद को किसी परेड अथवा सेना का नेतृत्व करते हुए देखते हैं
तो समझें कि जल्द ही पद्दोनती होने वाली है ।
–सपने में यदि आप स्वयं को उदास , मलिन , रक्तहीन व पीला
चेहरा लिए देखतें हैं तो समझना चाहिए कि अब गरीबी और
बीमारी के पल आने को हैं ,
वहीँ खुद को रोता हुआ देखना अच्छा है ... यदि चेहरा काला
दिखाई दे तो जातक दीर्घजीवी होगा ।
– सपने में किसी के मृत्यु पर खुद को रोता पाना उस व्यक्ति के
दीर्घायु होने का सूचक है ।
– सपने में यदि आपको अपनी योजनायें विफल होती दिखाई दें
तो इसका फल उल्टा प्राप्त होता है ।
इसी प्रकार खुद को अपमानित होते हुए देखने का अर्थ है मान-
सम्मान प्राप्त करना ।
– सपने में रसभरे फल खाना अत्यंत शुभ माना गया है ।
– सपने में बच्चे को पालते हुए देखना भविष्य में परिवारी सुख को
दर्शाता है ।
– सपने में खिलौना देखने से संतान सुख की प्राप्ति होती है ।
– सपने में अगर आपको अपना हँसता हुआ चेहरा दिखाई दे तो
हर्षोउल्लास की प्राप्ति होती है ,परन्तु ठहाके लगा कर हँसना
दुःख देने वाला होता है ।
– यदि सपने में कोई लड़की अपने आप को मूल्यवान भेंट या
उपहार प्राप्त करते हुए देखे तो उसे पूर्ण दांपत्य सुख मिलेगा ।
– यदि कोई लड़की सपने में स्वयं को मेले या नुमाईश में देखे तो
उसे विनोदप्रिय व् सिद्धांतवादी प्रेमी मिलेगा ।
–यदि किसी को सपने में कढ़ाई किये हुए वस्त्र दिखाई दें तो यह
मान लें की उसे समझदार और मितव्ययी पत्नी प्राप्त होगी ।
- सपने में यदि कोई व्यक्ति स्वयं को तूफानी मौसम में नाव या
जहाज पर बैठा हुआ देखे तो उसे दुभाग्य का सामना करना पड़
सकता है ।..
यदि वह यह देखता है की वह पानी में गिर गया ..., तो उसे व्यापर
में भारी घाटा होने की सम्भावना है ।
कुछ अन्य स्वप्नों का फलादेश इस प्रकार माना गया है -
मछली देखना- घर में शुभ कार्य होना
माँस खाते हुए देखना- चोट लगना
अपने आपको मार खाते हुए देखना- फेल हो जाना
हवा में उड़ते देखना- यात्रा होना
हाथ-पैर धोते हुए देखना- सारी चिंताएँ मिटना
किसी दुल्हन का चुंबन लेता हुआ देखना- शत्रुओं के साथ
समझौता होना
सर्प पकड़ना- सफलता प्राप्त होना
ऊँट देखना- .....राज्य से भय होना
स्वप्न में दाढ़ी बनाते हुए देखना- दाम्पत्य जीवन की सारी
कठिनाई समाप्त हो जाना।
बड़े-बूढ़े का आशीर्वाद मिलना- मान सम्मान व प्रतिष्ठा
प्राप्त होना
गर्दन अकड़ जाना- धन की प्राप्ति होना
अपने को दूध पीता देखना- इज्जत मिलना
अपने को पानी पीते हुए देखना- भाग्य उदय
कुत्ता काटना, कुत्ता पालना- ....संकट आना
उड़ता हुआ पक्षी देखना- इज्जत होना
मोर देखना- शोक होना
अपना विवाह होता देखना- .....परेशानी आना
मांग भरते देखना- कोई शुभ कार्य होना
दर्पण देखना- मन विचलित रहना
रेल में चढ़ना देखना-.... यात्रा होना
पैर फिसल कर गिर जाना- अवनति होना
गाय मिलना- भूमि लाभ होना
घोड़े से गिरता हुआ देखना- पद छूटना
घोड़े पर चढ़ता हुआ देखना- पद लाभ होना
अपने आपको मरता हुआ देखना- सारी चिंताएँ मिट जाना।
समुद्र , खिलता हुआ फूल देखना, युवती मिलना या दिखना,
प्रसाद मिलना, आशीर्वाद लेना, पुस्तक पढ़ना, साँप डसना,
मंदिर देखना, जेवर मिलना, हाथी पर चढ़ना, फल आदि प्राप्त
होना, शरीर पर गोबर लगते देखने से धन लाभ होता है।
खून देखना, शराब पीना, तेल पीना, मिठाई खाना, विवाह
होना, पुलिस को देखना, अपना मुंडन करवाते देखने से मृत्युतुल्य
कष्ट होता है।
विधवा के दाढ़ी उगती देखना उसके पुनर्विवाह का संकेत है।
विवाहित व्यक्ति या महिला अपने बाल सफेद होते हुए देखने से
जीवनसाथी से वियोग या संबंध विच्छेद का योग बताता है।
वहीं रंगबिरंगे फूलों को देखने से नए प्रेम संबंध बनने का संकेत
मिलता है।

Monday, October 5, 2015

the Sensex & the Nifty? & Bse and Nse

Today giving you a big knowledge of share market that is also a very important gk...............

The Sensex is an "index". What is an index? An index is
basically an indicator. It gives you a general idea about
whether most of the stocks have gone up or most of the
stocks have gone down.
The Sensex is an indicator of all the major companies of the
BSE.
The Nifty is an indicator of all the major companies of the
NSE.
If the Sensex goes up, it means that the prices of the
stocks of most of the major companies on the BSE have
gone up. If the Sensex goes down, this tells you that the
stock price of most of the major stocks on the BSE have
gone down.
Just like the Sensex represents the top stocks of the BSE,
the Nifty represents the top stocks of the NSE.
Just in case you are confused, the BSE, is the Bombay
Stock Exchange and the NSE is the National Stock
Exchange. The BSE is situated at Bombay and the NSE is
situated at Delhi. These are the major stock exchanges in
the country. There are other stock exchanges like the
Calcutta Stock Exchange etc. but they are not as popular as
the BSE and the NSE.Most of the stock trading in the
country is done though the BSE & the NSE.
Besides Sensex and the Nifty there are many other indexes.
There is an index that gives you an idea about whether the
mid-cap stocks go up and down. This is called the “BSE
Mid-cap Index”. There are many other types of indexes.
There is an index for the metal stocks. There is an index for
the FMCG stocks. There is an index for the automobile
stocks etc.

Sunday, October 4, 2015

SBI Mobile Banking Activation Procedure


SMS Based
Getting User ID - Send SMS " MBSREG " to
9223440000 . You will get a User ID and default
MPIN
Change MPIN – It is mandatory for the
customer to change the MPIN. "Smpin UserId Old
Mpin New Mpin "Send following SMS to 9223440000
Register at ATM - You will be required to register for
the service on ATM or at your Branch. Please ensure
that you have changed your MPIN before registering
at the ATM. Go to ATM and after swiping your Debit
Card choose Mobile Registration–Enter your ATM PIN-
Mobile Banking – Registration – Enter your mobile
number.- Choose yes after ensuring the correctness of
the entry - Then the Mobile Number entered by you is
displayed- Choose Confirm. You will get a SMS
regarding successful
registration.
To Get MMID for your Account. Send " MMID SBI" to
9223440000
Balance Enquiry Send following SMS to 9223440000
"Sbal UserId Mpin"
Mini statement Send following SMS to
9223440000"Smin UserId Mpin"
Fund Transfer through IMPS ( Click to Know more
about IMPS )
Based on Beneficiary’s Mobile number and MMID
(Mobile Money ID) .
For making a funds Transfer, send following SMS to
9223440000: " IMPS Mobile No MMID amount User
ID MPIN Purpose(optional field- up to 20 char-Alpha
numeric)" .
Ex. " IMPS 9245807077 9226589 5000 jid569 458962
loanpayment "
MOBILE TOP UP
Send following SMS to 9223440000
Stopup><UserId><Mpin><Service provider name of the
mobile no to be topped><Mob no ><Amount>
Ex. " STOPUP kde254 458723 vodafone 9245723659
101 "
Application Based
Canbe used through SMS or GPRS. GPRS is cheaper
than SMS.
Get User ID - Send SMS " MBSREG " to
9223440000 . You will get a User ID and default
MPIN
Download the mobile banking application Click to
download
Change the MPIN : click on icon SBI
Freedom. Enter your User ID. Click on the
Option .Choose Login .You will be
prompted to change the MPIN.
Activation of your service at ATM Go to ATM and after
swiping your Debit Card choose Services – Mobile
Registration > Mobile Banking > Registration –
Register and then give your mobile number.You will
get a SMS regarding activation of your account.
Set your mobile phone time.
Change the communication channel to GPRS .Open SBI
Freedom Application, Go to Settings > Change channel
> Select GPRS.
To Get MMID for your Account. Send " MMID SBI" to
9223440000
Call for Help:
1800 -11- 2211

Saturday, October 3, 2015

कृष्ण भगवान की माया

एक पंडित था, वो रोज घर घर जाके भगवत गीता का पाठ करता
था |एक दिन उसे एक चोर ने पकड़ लिया और उसे कहा तेरे पास
जो कुछ भी है मुझे दे दो ,तब वो पंडित जी बोला की बेटा मेरे
पास कुछ भी नहीं है,तुम एक काम करना मैं यहीं पड़ोस के घर मैं
जाके भगवत गीता का पाठ करता हूँ,वो यजमान बहुत दानी
लोग हैं, जब मैं कथा सुना रहा होऊंगातुम उनके घर में जाके चोरी
कर लेना!चोर मान गयाअगले दिन जब पंडित जी कथा सुना रहे थे
तब वो चोर भी वहां आ गया तब पंडित जी बोले की यहाँ से
मीलों दूर एक गाँव है वृन्दावन, वहां पे एक लड़का आता है
जिसका नाम कान्हा है,वो हीरों जवाहरातों से लदा रहता
है,अगर कोई लूटना चाहता है तो उसको लूटो वो रोज रात को
इस पीपल के पेड़ केनीचे आता है,। जिसके आस पास बहुत सी
झाडिया हैं चोर ने ये सुना और ख़ुशी ख़ुशी वहां से चला गया!वो
चोर अपने घर गया और अपनी बीवी से बोला आज मैं एक कान्हा
नाम के बच्चे कोलुटने जा रहा हूँ ,मुझे रास्ते में खाने के लिए कुछ
बांध कर दे दो ,पत्नी ने कुछ सत्तू उसको दे दियाऔर कहा की
बस यही है जो कुछ भी है,चोर वहां से ये संकल्प लेके चला कि अब
तो में उस कान्हा को लुट के ही आऊंगा,वो बेचारा पैदल ही
पैदल टूटे चप्पल में ही वहां से चल पड़ा, रास्ते में बस कान्हा का
नाम लेते हुए, वो अगले दिन शाम को वहां पहुंचा जो जगह
उसेपंडित जी ने बताई थी!अब वहां पहुँच के उसने सोचा कि अगर
में यहीं सामने खड़ा हो गया तो बच्चा मुझे देख करभाग जायेगा
तो मेरा यहाँ आना बेकार हो जायेगा,इसलिए उसने सोचा क्यूँ न
पास वाली झाड़ियों में ही छुप जाऊँ,वो जैसे ही झाड़ियों में
घुसा, झाड़ियों के कांटे उसे चुभने लगे!उस समय उसके मुंह से एक ही
आवाज आयी...कान्हा, कान्हा , उसका शरीर लहू लुहान हो
गया पर मुंह से सिर्फ यही निकला,कि कान्हा आ जाओ!
कान्हा आ जाओ!अपने भक्त की ऐसी दशा देख के कान्हा जी
चल पड़ेतभी रुक्मणी जी बोली कि प्रभु कहाँ जा रहे हो वो
आपको लूट लेगा!प्रभु बोले कि कोई बात नहीं अपने ऐसे भक्तों
के लिए तो मैं लुट जाना तो क्यामिट जाना भी पसंद करूँगा!
और ठाकुर जी बच्चे का रूप बना के आधी रात को वहां आए वो
जैसे ही पेड़ के पास पहुंचेचोर एक दम से बहार आ गया और उन्हें
पकड़ लिया और बोला किओ कान्हा तुने मुझे बहुत दुखी किया
है, अब ये चाकू देख रहा है न, अब चुपचाप अपनेसारे गहने मुझे दे
दे...कान्हा जी ने हँसते हुए उसे सब कुछ दे दिया!वो चोर हंसी
ख़ुशी अगले दिन अपने गाँव में वापिस पहुंचा,और सबसे पहले उसी
जगह गया जहाँ पे वो पंडित जी कथा सुना रहे थे,और जितने भी
गहने वो चोरी करके लाया था उनका आधा उसने पंडित जी
केचरणों में रख दिया!जब पंडित ने पूछा कि ये क्या है, तब उसने
कहा आपने ही मुझे उस कान्हा का पता दिया थामैं उसको लूट
के आया हूँ, और ये आपका हिस्सा है , पंडित ने सुना और उसे
यकीन हीनहीं हुआ!वो बोला कि मैं इतने सालों से पंडिताई कर
रहा हूँवो मुझे आज तक नहीं मिला, तुझ जैसे पापी को कान्हा
कहाँ से मिल सकता है!चोर के बार बार कहने पर पंडित बोला
कि चल में भी चलता हूँ तेरे साथ वहां पर,मुझे भी दिखा कि
कान्हा कैसा दिखता है, और वो दोनों चल दिए!चोर ने पंडित
जी को कहा कि आओ मेरे साथ यहाँ पे छुप जाओ,और दोनों का
शरीर लहू लुहान हो गया और मुंह से बस एक ही आवाज
निकलीकान्हा, कान्हा, आ जाओ!ठीक मध्य रात्रि कान्हा
जी बच्चे के रूप में फिर वहीँ आये ,और दोनों झाड़ियों से बहार
निकल आये!पंडित जी कि आँखों में आंसू थे वो फूट फूट के रोने लग
गया, और जाके चोर के चरणों में गिर गया और बोला कि हम
जिसे आज तक देखने के लिए तरसते रहे, जो आज तक लोगो को
लुटता आया है, तुमने उसे ही लूट लिया तुम धन्य हो,आज तुम्हारी
वजह से मुझे कान्हा के दर्शन हुए हैं,तुम धन्य हो......!!

श्री कृष्ण की गीता उपदेश अदभुद विज्ञान

गीता में लिखा है की ........
अगर कोई इन्सान
बहुत हंसता है , तो अंदर से वो बहुत अकेला है
अगर कोई इन्सान बहुत सोता है , तो अंदर से
वो बहुत उदास है
अगर कोई इन्सान खुद को बहुत मजबूत दिखाता
है और रोता नही , तो वो
अंदर से बहुत कमजोर है
अगर कोई जरा जरा सी
बात पर रो देता है तो वो बहुत मासूम और नाजुक
दिल का है
अगर कोई हर बात पर
नाराज़ हो जाता है तो वो अंदर से बहुत अकेला
और जिन्दगी में प्यार की कमी महसूस करता है
लोगों को समझने की कोशिश कीजिये ,जिन्दगी
किसी का इंतज़ार नही करती , लोगों को एहसास
कराइए की वो आप के लिए कितने खास है!!!

Friday, October 2, 2015

Mutual Fund क्या है? एक सरल परिचय


मान लीजिये आपके पास 50,000 रुपये की पूंजी है, और आप इस निर्णय पर पहुँचे हैं कि शेयर बाजार में निवेश कर के इस पूंजी से अच्छा लाभ कमाया जा सकता है. किंतु आपको शेयर बाजार के विषय में पर्याप्त जानकारी नहीं है. तो आप इसके लिए एक अन्य व्यक्ति अमर से संपर्क करते हैं. अमर आपको बताता है कि शेयर बाजार में पूंजी लगाने में जोखिम भी है. आप लाभ कमाने की जगह हानि भी उठा सकते हैं. हानि से बचने के लिए पूंजी को कई तरह के शेयरों में वितरित करके रखना चाहिए. पूरी पूंजी एक साथ न लगा कर एक हिस्सा ऐसे समय के लिए बचा कर रखना चाहिए जब की शेयर बाजार में गिरावट हो. ठीक समय पर लाभ को निकाल भी लेना चाहिए. बाजार में सही वितरण के लिए एक साथ बीसियों कंपनियों के शेयरों में धन लगाना पड़ सकता है, और बड़ी तथा भरोसेमंद कंपनियों के एक शेयर की कीमत 3000 रुपये या उससे भी अधिक हो सकती है. ऐसे में 50,000 रुपये की पूंजी पर्याप्त नहीं है. तथा यदि आप किसी विशेषज्ञ की सेवाएँ लेते हैं तो 50,000 की पूंजी पर होने वाले लाभ से उसकी फीस चुकाना भी संभव नहीं होगा. अब आपके सामने दो प्रमुख समस्याएँ हैं.
1. अपर्याप्त पूंजी.
2. बाजार के विषय में अनभिज्ञता.
उपरोक्त दोनों समस्यायों के लिए अमर आपको सलाह देता है कि आप अपने साथ कुछ और लोगों को शामिल करिए जिससे कि निवेश योग्य पूंजी बढ़ाई जा सके. मान लीजिए आप अपने जैसे 20 लोगों को अपनी योजना में शामिल करते हैं. प्रत्येक व्यक्ति औसत 50,000 रुपये निवेश करना चाहता है. अब आपके पास 10 लाख रुपये(20*50,000=10,00,000) की निवेश योग्य पूंजी है. अब आप किसी ऐसे व्यक्ति की सेवाएँ भी ले सकते हैं जो शेयर बाजार का विशेषज्ञ हो. पूंजी अधिक होने के कारण आप उस व्यक्ति को उसकी सलाह का मूल्य भी चुका सकते हैं. सलाह का मूल्य भी 20 लोगों में वितरित होने के कारण एक व्यक्ति को उसका बीसवां हिस्सा ही चुकाना होगा, जो सस्ता भी पड़ेगा.
उपरोक्त अवधारणा के अनुरूप जब व्यवसायिक रूप से निवेशकों के समूह का प्रबंध वैधानिक नियंत्रणों के अनुरूप किया जाता है, तब उसे Mutual Fund कहते हैं. आमतौर पर ऐसे Mutual Fund जो पूंजी का निवेश शेयरों में करते हैं अधिक लोकप्रिय हैं. किंतु अपने प्रस्तावित उद्देश्य के अनुसार Mutual Fund अन्य साधनों में भी निवेश कर सकते हैं जैसे की Government Bond, Money Market Securities, Commodity तथा Real Estate आदि. अतः
“मुचुअल फंड एक ऐसा निवेश साधन है, जो कि छोटे निवेशकों को शेयर, बॉन्ड, वस्तुओं अथवा अन्य चीज़ों में वितरण के साथ निवेश करने का अवसर प्रदान करता है. प्रत्येक निवेशक अपनी पूंजी के अनुसार लाभ तथा हानि में भागीदार होता है.”
आइए अब हम देखते हैं कि यह कैसे काम करता है. 
अमर की सलाह के अनुसार आपने एक समूह तैयार किया है. समूह का जो Fund है उसका Corpus 10 लाख रुपये का हैं. एक विशेषज्ञ की नियुक्ति Fund Manager के रूप में कर दी है. मान लीजिये Fund Manager से Fund Value का 2.5% प्रति वर्ष Management Fees के रूप में देना तय हुआ है. अब 20 लोग जो इस समूह के सदस्य हैं यह तय करते हैं कि हिसाब की सुविधा के लिए 10 लाख रुपये कीUnit जारी की जाएँगीं. प्रत्येक Unit का शुरुआत में मूल्य 10 रुपये होगा. तो 1 लाख Unit 20 लोगों में प्रत्येक द्वारा लगाई गयी पूंजी के अनुपात में वितरित कर दी जाती हैं. प्रस्तुत उदाहरण में सभी ने 50 हज़ार रुपये लगाए हैं तो प्रत्येक सदस्य 5000 Units का हकदार है. और प्रत्येक Unit की NAV (नेट असेट वैल्यू) 10 रुपये है.
फंड मैनेजर और निवेशकों के बीच यह तय हुआ है कि इस पूंजी को विभिन्‍न सेक्टर की बड़ी कंपनियों के शेयरों में ही लगाना है. तो यह एक Largecap Diversified Equity Fund है. साथ ही 10 लोग ऐसे हैं जो यह चाहते हैं कि Fand Manager जब चाहे तब लाभ में से एक हिस्सा Dividend के रूप में वापस कर सकता है. ऐसे लोग Dividend Option का चुनाव करते हैं. शेष 10 लोग चाहते हैं कि उनका लाभ भी फंड में निवेशित ही रहे, तो ऐसे लोग Growth Option का चुनाव करते हैं.
मान लीजिए लगभग एक वर्ष की अवधि में आपका Fund लाभ कमाने के कारण बढ़ कर 12.40 लाख हो जाता है. इसमें से आप 40 हज़ार रुपए Fund Manager की फीस एवं टैक्स जैसी अन्य चीज़ों में खर्च कर देते हैं. शेष 12 लाख रुपये fund का Net Corpus है. निवेशकों में जारी यूनिटों की संख्या 1 लाख है तो इस समय Fund की NAV 12 रुपये (12 लाख/1 लाख=12) हो गयी. प्रत्येक निवेशक की 5000 Unit का मूल्य अब 60 हज़ार रुपये (5000*12=60,000) हो गया है.
फंड मैनेजर यह तय करता है कि वह एक Unit पर 1 रुपया Dividend के रूप में देगा. यूनिट की Face Value (शुरूआती मूल्य) 10 रुपये थी तो 1 रुपये के Dividend को 10% Dividend कहा जायेगा. Dividend का प्रतिशत हमेशा Unit की फेस वैल्यू के अनुसार ही निकाला जाता है, चाहे उसकी वर्तमान एन ए वी कुछ भी हो. चूँकि हमारे उदाहरण में 10 निवेशकों ने Dividend Option का चुनाव किया था तो इस Option में कुल 50,000 Units हैं. 1 रुपया प्रति Unit की दर से Fund Manager 50 हज़ार रुपये 10 निवेशकों में वितरित कर देता है. Dividend Option के प्रत्येक निवेशक को 5000 रुपये प्राप्त होते हैं. Dividend Option के निवेशकों के लिए अब एन ए वी भी घट कर 11 रुपये रह जाएगी, जिसे Ex Dividend NAV (डिविडेंड के उपरांत की एन ए वी) कहा जाएगा. जब कि Growth Option के निवेशकों के लिए NAV अभी भी 12 रुपये है. तो अब 50 हज़ार Units Growth Option के निवेशकों के पास हैं जिनका मूल्य 6 लाख रुपये (50,000*12=6,00,000) है तथा 50 हज़ार Units Dividend Option के निवेशकों के पास हैं जिनका मूल्य 5.50 लाख रुपये (50,000*11=5,50,000) है. इस प्रकार कुल 1 लाख यूनिट का मूल्य 11.50 लाख रुपये (6 लाख+5.50 लाख=11.50 लाख) है. जब कि Fund Manager के पास भी 11.50 लाख रुपये (12 लाख-50 हज़ार=11.50 लाख) हैं.
उपरोक्त फंड में यदि यह सुविधा है कि कोई भी निवेशक जब चाहे अपनी कुछ या समस्त Units बेच कर धन प्राप्त कर सकता है तथा कोई पुराना अथवा नया निवेशक जब भी चाहे वर्तमान NAV पर धन लगा कर निवेश कर सकता है तो यह एक Open Ended Fund है. किंतु यदि यह शर्त है कि धन केवल Fund के बनाए जाने के समय 10 रुपये की NAV पर ही लगाया जा सकता है तथा एक पूर्व निर्धारित समय से पहले नहीं निकाला जा सकता है तो यह एक Closed Ended Fund है.
वैधानिक स्वरूप:
वैधानिक रूप से मुचुअल फंड मूलतः एक Trust होता है जो निवेशकों के धन की देखभाल करता है. इस ट्रस्ट की Sponsor कोई स्थापित Financial Company या बैंक होते हैं. स्पांसर कंपनी एक AMC (असेट मैनेग्मेंट कंपनी) की नियुक्ति करती है जिसके पास अपने Fund Manager होते हैं. AMC के Fund Manager ही निवेश संबंधी निर्णय लेते हैं. समस्त Mutual Fund SEBI (Securities and Exchange Board of India) के नियंत्रण में काम करते है. Mutual Fund से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए आप AMFI (Assotiation of Mutual funds in India) की वेबसाइट पर भी संपर्क कर सकते है.

(This article was earlier appeared in Navbharat Times Blog  ‘मुचुअल फंड के फंडे’.)

Equity Funds और उनका प्रदर्शन

ऐसे फंड जिनका औसत 65%  या अधिक हिस्सा equity अर्थात शेयरों में निवेशित रहता हैं, equity fund की श्रेणी में आते हैं. पूंजी बाजार की एक प्रचलित मान्यता है कि लंबी अवधि में equity अर्थात शेयर सबसे अच्छे लाभ देते हैं. शायद इसी कारण से ऐसे Mutual Fund जो शेयरों में निवेश करते हैं अधिक लोकप्रिय हैं. दूसरी ओर शेयर बाजार सबसे अधिक अनिश्चित व्यवहार करने के लिए भी बदनाम है. छोटी अवधि में शेयर बाजार अक्सर उम्मीदों तथा भय के आधार पर व्यवहार करता है. छोटी या मध्यम अवधि में तत्कालीन परिस्थितियों के चलते निवेश गिरावट का शिकार भी हो सकता है अथवा ऐसा भी हो सकता है कि निवेश उतना लाभ ना दे सके जिसकी की उम्मीद की गयी थी. किंतु जब बात लंबी अवधि की होती है तो तात्कालिक परिस्थितियों का प्रभाव कम हो जाता है. लंबी अवधि में शेयर बाजार का प्रदर्शन वास्तविक कारणों पर अधिक निर्भर करता है. यही कारण है कि ईक्विटी मुचुअल फंड के निवेशकों को बाजार की ‘timing’ करने की जगह ‘time in’ अर्थात कितने समय के लिए निवेश कर रहे है इस पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है. यह सिद्धांत कितना कारगर है



 Equty Fund के खर्चे: मैनेजमेंट फीस सहित सभी खर्चों के लिए कोई भी equity fund प्रथम 100 करोड़ के corpus पर 2.5%, अगले 300 करोड़ पर 2.25%, उसके बाद के 300 करोड़ पर 2% तथा उसके बाद के शेष corpus पर 1.75% फीस वसूलकर सकता है. 
 Equity Fund पर Tax व्यवहार: equity fund में dividend के रूप में प्राप्त होने वाली आमदनी टॅक्स फ्री है अर्थात उस पर किसी भी प्रकार का टॅक्स नहीं देना पड़ता है. साथ ही इन फंडों को ‘dividend distribution tax’ भी नहीं देना होता है. एक वर्ष से कम की अवधि में यदि आप लाभ कमाते हैं तथा धन को फंड में से निकाल भी लेते हैं तो कमाए गये लाभ पर 15% की दर से ‘short term capital gain’ tax देना होता है. किंतु यदि निवेश 1 वर्ष या उससे अधिक की अवधि तक जारी रहता है तो लाभ ‘long term capital gain’ कहलाता है जिस पर कोई टॅक्स नहीं है. साथ ही प्रत्येक स्थिति में unit बेचने से प्राप्त रकम पर 0.25% की दर से STT (securities transaction tax) भी देना होता है.
जोखिम: जोखिम के मामले में equity fund सर्वोपरि हैं. उपरोक्त सारणी में ही हम देख सकते हैं क़ी पिछले 1 वर्ष की अवधि में कुछ फंडों ने 20% से भी अधिक नुकसान दिया है. दरअसल सबसे बड़ी जोखिम शेयर बाजार के अनिश्चित व्यवहार के कारण है. आज आप लाभ की आशा से निवेश करें और कल से ही बाजार में गिरावट होने लगे. यह भी निश्चित नहीं है कि गिरावट कितनी हो सकती है और कितने समय तक चल सकती है. यद्यपि गिरावट का पूर्वानुमान लगा कर फंड मैनेजर शेयरों में से पूंजी निकाल भी सकता है किंतु 65% का औसत बनाए रखने एवं फंड के बड़े आकार का होने के कारण इस काम की भी अपनी कुछ सीमाएँ हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो equity mutual fund बाजार जोखिमों के आधीन होते हैं. दूसरी ओर यह बात भी उतनी ही सत्य है कि लंबी अवधि में यह जोखिम कम भी होती जाती है.
Equtiy fund में निवेश करते समय कुछ बातों पर ध्यान देना आवश्यक है जैसे कि आप कितने समय के लिए निवेश कर सकते हैं? यदि यह अवधि 5 वर्ष से कम है तो आपको विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है. 3 वर्ष से कम अवधि के लिए इनमें निवेश ना ही करें तो अच्छा है. सामान्यतः 5 वर्ष से अधिक की अवधि में निवेश पर जोखिम कम होने लगता है. 10 वर्ष या उससे अधिक की अवधि equity निवेश के लिए आदर्श मानी गयी है. दूसरा प्रश्न यह है कि कितना निवेश करना चाहिए? तो यह पूर्णतः व्यक्तिगत प्रश्न है. यह आपकी व्यक्तिगत आर्थिक परिस्थितियों एवं आर्थिक लक्ष्यों पर अधिक निर्भर करता है. किंतु सामान्य सिद्धांत यह है कि 100 में से अपनी उम्र घटायें, जो उत्तर आए अपनी बचत का उतना प्रतिशत ईक्विटी या ईक्विटी फंड में निवेशित रखना चाहिए. क्योंकि बढ़ती हुई मुद्रास्फीति के विरुद्ध equity सबसे कारगर निवेश है.
आवश्यक घोषणा: इस ब्लॉग में कही गयी किसी भी बात को निवेश सलाह के रूप में नहीं लेना चाहिए. वास्तविक निवेश से पहले अपने वित्त सलाहकार की मदद अवश्य लें. यह लेखक का व्यक्तिगत मत है और इसे मात्र सूचना के रूप में ही लेना चाहिए. यहाँ लिखी गयी किसी भी बात को वास्तविक निवेश सलाह के रूप में लेने पर लेखक की कोई ज़िम्मेदारी नहीं होगी.
(This article was earlier appeared in Navbharat Times Blog  ’मुचुअल फंड के फंडे’.)