Thursday, May 24, 2012

बाबा जी संघर्ष करो हम आप के साथ हैं , बाबा जी आगे बढ़ो हम आप के साथ है :- दीदी माँ ऋतम्भरा....

अब फिर से दिल्ली चलो लड़ाई आर पार की आप इस टोल फ्री नम्बर पर मिस कोल करें 022 -33081122 और रविवार 3 जून को दिल्ली के जन्तर मन्तर जरुर आयें ...

वन्दे मातरम , भारत माता की जय , जय श्री राम , जय श्री कृष्ण , जय हो !!
बाबा जी संघर्ष करो हम आप के साथ हैं , बाबा जी आगे बढ़ो हम आप के साथ है :- दीदी माँ ऋतम्भरा....

अब फिर से दिल्ली चलो लड़ाई आर पार की आप इस टोल फ्री नम्बर पर मिस कोल करें 022 -33081122 और रविवार 3 जून को दिल्ली के जन्तर मन्तर जरुर आयें ...

वन्दे मातरम , भारत माता की जय , जय श्री राम , जय श्री कृष्ण , जय हो
Rajiv Chaturvedi shared his own photo.
‎"महात्मा गांधी ने नमक क़ानून तोड़ने की नोटिस 2 March'1930 देते हुए अंग्रेज वायसराय को लंबा पत्र लिखा था -- "...जिस अन्याय का उल्लेख किया गया है वह उस विदेशी शाशन को चलाने के लिए किया जाता है, जो स्पष्टतह संसार का सबसे महँगा शासन है. अपने वेतन को ही लीजिये यह प्रतिमाह 21 हजार रुपये से अधिक पड़ता है, अप्रत्यक्ष भत्ते आदि अलग. यानी आपको प्रतिदिन 700 रूपये से अधिक मिलता है ,जबकि भारत की प्रति व्यक्ति औसत आमदनी दो आने प्रति दिन से भी कम है. इस प्रकार आप बारात की प्रति व्यक्ति औसत आमदनी से पांच हजार गुने से भी अधिक ले रहे हैं. ब्रिटिश प्रधान मंत्री ब्रिटेन की औसत आमदनी का सिर्फ 90 गुना ही लेते हैं...यह निजी दृष्टांत मैंने एक दुखद सत्य को आपके गले उतारने के लिए लिया है...."
गुजरी सदी में उठाया गया गांधी का यह सवाल इस सदी में भारत के राष्ट्रपति- प्रधानमंत्री और शाशन व्यवस्था के सन्दर्भ में प्रासंगिक है. औसत भारतीय की रोजाना की आमदनी 32 रुपये के लगभग है जबकि राष्ट्रपति पर रोज 5 लाख 14 हजार से ज्यादा खर्च होता है जो औसत भारतीय की तुलना में 16063 गुना अधिक है .इसी प्रकार प्रधानमंत्री पर रोजाना 3 लाख 38 हजार रूपये खर्च आता है जो औसत भारतीय की आमदनी का 10562 गुना अधिक है .केन्द्रीय मंत्रिमंडल पर रोजाना का खर्चा लगभग 25 लाख रुपये है जो औसत भारतीय की आमदनी का 1 लाख 5 हजार गुना है." --- राजीव

Kamalesh Shukla वैसे रूपया तो अपनी नजरों में उसी दिन गिर गया था जिस दिन कलमाडी ने 40 करोड रूपए में ट्वायलेट पेपर ख़रीदा था। .


"समाज के आर- पार गरीबी की रेखा कैसे खींची ? --किसने खींची ? भारत में गरीबी की परिभाषा क्या हो ? --यह सवाल सबसे पहले 1957 में "भारतीय श्रम सम्मलेन" में उठे थे . 1962 में योजना आयोग के विशेषज्ञों ने इसके लिए "दांडेकर -रथ समिति" गठित की जिसने "पोषण आवश्यकता" को गरीबी की कसौटी बनाया. दांडेकर -रथ समिति के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के लिए 2400 कैलोरी और शहरी क्षेत्र के लिए 2100 कैलोरी की शक्ति दे सकने वाले भोजन को "न्यूनतम पोषण आवश्यकता" माना गया. विडंबना यह है कि यहाँ भोजन की गरिमा के विषय में कोई बात ही नहीं की गयी. इस प्रकार देश के दूर दराज के हिस्सों में रह रहे दीमक की चटनी खाते लोग. या सांप का फन काट कर शेष हिस्से को खाते लोग या जूठन खाते लोग आवश्यक कैलोरी का भोजन लेने के कारण गरीबी की रेखा के ऊपर हैं और मुम्बई में डोमिनो का पिज्जा खाने वाली करीना कपूर चूंकि मात्र 600 कैलोरी का भोजन लेने के कारण गरीबी की रेखा के नीचे है.इसी क्रम में आया "मनमोहन -मोंटेक सिंह का अर्थ शास्त्र " कि जिसके अनुसार अब वह भारत का नागरिक जो 32 रुपये प्रति दिन पाता है गरीबी की रेखा के नीचे नहीं है.

जब देश स्वतंत्र हुआ था तब मात्र 9% लोग ही गरीबी की रेखा के नीचे थे. आज 40 % गरीबी की रेखा के नीचे और 30 % गरीबी की रेखा के ठीक ऊपर हैं, यानी देश के 70 % की आबादी दरिद्रों अतिदरिद्रों की है . देश के कुल 7 % लोगों को ही शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो पा रहा है. स्वास्थ सेवा पहाड़ सी हैं पर पिद्दी से मच्छर डेंगू से पराजित होती नज़र आती हैं. टाट - पट्टी स्कूल और अभिजात्य पब्लिक स्कूलों के बीच सामान मुफ्त शिक्षा का नारा हतप्रभ खड़ा है. विश्व की हर सातवीं बाल वैश्या भारत की बेटी है. 30 % महिलायें खुले मैं शौच जाने को अभिशिप्त हैं और झुनझुना बजाया जा रहा है महिलाओं के राजनीति में आरक्षण का. रोशनी , रास्ते , राशन और रोजगारों पर शहरों का कब्जा है और असली भारत बेरोजगार अँधेरे में उदास, अपमानित बैठा है."( श्रोत -- राजीव चतुर्वेदी लिखित पुस्तक "आर्तनाद-- मानवाधिकारों की उपेक्षा और अपेक्षा")" --- राजीव चतुर्वेदी
· · · 21 hours ago ·

  • 24 people like this.
  • 3 shares
    • Vikas Bharatiy मेरे देश के नेताओं कुछ तो शर्म करो .क्या तुमको बोट दिया मेरी यही खता है ,
      .तुमसे तो अच्छा बो शरहद पार का दुश्मन है जिसका मकसद तो पता है ,,,,
      21 hours ago · · 3
    • Kishore Nigam
      यहाँ सिसकियों में लाचारी, गायन में बहकावा मन का
      सो रहने का मोह दबाता गला उमड़ उठते रोदन का
      ----------
      फिर से कसक उठते घाव , फिर से उमड़ उठता खून
      हमको क्रान्ति की सौगंध दे ललकारता है खून
      ...See More
      21 hours ago · · 1
    • Kishore Nigam Bahut bahut saarthak lekh. ...Must read

आज़ादी के उस पार और इस पार भूल के सोय गय हम इन्कलाब


‎" आज़ादी के दौर में पत्रकारिता परवान चढी थी. "उद्दंड मार्तंड" और "सरस्वती" के दौर में एक विज्ञापन निकलता है --"आवश्यकता है सम्पादक की, वेतन /भत्ता - दो समय की रोटी -दाल, अंग्रेजों की जेल और मुकदमें" लाहौर का एक युवक आवेदन करता है और प्रख्यात पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी उसको सम्पादक नियुक्त करते हैं. सरदार भगत सिंह इस प्रकार अपने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत करते हैं. तब पत्रकारिता प्रवृत्ति थी अब आज़ाद...ी के बाद वृत्ति यानी आजीविका का साधन हो गयी. पहले पत्रकारिता मिसन थी अब कमीनो का कमीसन हो गयी. भगत सिंह ने जब असेम्बली बम काण्ड किया तो अंग्रेजों को उनके विरुद्ध कोइ भारतीय गवाह नहीं मिल रहा था. तब दिल्ली के कनाटप्लेस पर फलों के जूस की धकेल लगाने वाले सरदार सोभा सिंह ने अंग्रेजों के पक्ष में भगत सिंह के विरुद्ध झूटी गवाही देकर भगत सिंह को फांसी दिलवाई और इस गद्दारी के बदले सरदार शोभा सिंह को अंग्रेजों ने पुरुष्कृत करके " सर" की टाइटिल दी और कनाट प्लेस के बहुत बड़े भाग का पत्ता भी उसके हक़ में कर दिया. मशहूर पत्रकार खुशवंत सिंह इसी सरदार शोभा सिंह के पुत्र हैं. अब पत्रकारों को तय ही करना होगा कई वह पुरुष्कृतों के प्रवक्ता हैं या तिरष्कृतों के. यानी पत्रकारों की दो बिरादरी साफ़ हैं एक -- गणेश शंकर विद्यार्थी /भगत सिंह के विचार वंशज और दूसरे सरदार शोभा सिंह के विचार बीज. 2G की कुख्याति में हमने बरखा दत्त, वीर सिंघवी, प्रभु चावला और इनके तमाम विचार वंशज पत्रकारों को "दलाल" के आरोप से हलाल किया फिर भी पत्रकारिता के तमाम गुप चुप पाण्डेय अभी बचे हैं. विशेषकर इलेक्ट्रोनिक मीडिया की मंडी की फ्राडिया राडिया रंडीयाँ और दलाल अभी भी सच से हलाल होना शेष हैं. "पेड न्यूज" और "मीडिया मेनेजमेंट" जैसे शब्द संबोधन वर्तमान मीडिया का चरित्र साफ़ कर देते हैं कि मीडिया का सच अब बिकाऊ है टिकाऊ नहीं. क्या है कोई संस्था जो पत्रकारों पर आय की ज्ञात श्रोतों से अधिक धन होने की विवेचना करे ? पहले सच मीडिया बताती थी और न्याय न्याय पालिका करती थी. मीडिया और न्याय पालिका ही दो हाथ थे जो रोते हुए जन -गन -मन के आंसू पोंछते थे. अब ये दोनों हाथ जनता के चीर हरण में लगे हैं. पत्रकारों से प्रश्न है --"सच" में तो सामर्थ्य है पर क्या वर्तमान में मीडिया सच की सारथी है या इतनी स्वार्थी है कि सच की अर्थी निकाल रही है." ---- राजीव चतुर्वेदी

By: Rajiv

facebook activity--जाने सब ने क्या कहा पेट्रोल कीमतों में भारी वृद्धि को लेकर

 

तेल कम्पनियां और सरकार दोनो मिल कर जनता को मूर्ख बना रही हैं
===========================
इस लिंक पर जाकर आप खुद इस कम्पनी की वार्षिक रिपोर्ट देख सकते है http://money.rediff.com/companies/indian-oil-corporation-ltd/12140022/results-annual
फोटो मे देखिये इण्डियन आयल कारपोरेशन का रोज का लाभ करोड़ो रुपये में है
कुल खर्चे काटने के बाद भी कम्पनी लाभ में है
ये आकड़े मार्च के महीने के है उसके बाद से ही पेट्रो उत्पादो की कीमतो मे वृद्धि ही हुई है कमी नही , अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में भी कच्चे तेल के दाम में कमी हुई है , ऐसे में सरकार और तेल कम्पनी का घाटे का रोना समझ से बाहर है ।
अब सवाल ये उठता है की पेट्रोल की कीमत क्यों बढाई गई ?
और इससे मिला पैसा आखिर कहां जा रहा है ?
सरकार जनता के पैसे का दुरुपयोग कर रही है , राजनेताओ और अफसरों की विदेश यात्राओं का पैसा आपकी जेब से जाता है , आप टैक्स दे रहें है , महंगा पेट्रोल डीजल खरीद रहे है और सरकार और उसके नुमाइन्दे ऐश कर रहें है । आपकी जेब काटी जा रही है और आप मजबूरी में कटने दे रहे है क्योकी इनको ही आपने ई वी एम का बटन दबाकर ससद में भेजा था ।
वक्त आ गया है अब इस देश के आम आदमी को अपने अधिकारो के लिये आवाज उठानी चाहिये । जन आंदोलन करें जब जनता की पीड़ा असहनीय हो जाती है तो एक क्रान्ति जन्म लेती है ।
कुछ करिये कब तक हम अपने आपको और इस देश को लुटता देखते रहेगें

POSTED BY YOGESH GARG
https://www.facebook.com/y0gesh.garg
PAGE ADMIN
https://www.facebook.com/Faceb00kChoupal
· · Share · 8 hours ago


  • 179 people like this.
  • 268 shares

    • Rajesh Bhardwaj Fact to Fact hai
      7 hours ago · · 1

    • Prashant Srivastava Kisi ko vote mt do..apne ap thikane p aa jaenge
      7 hours ago · · 1

    • Lokesh Kumar Prajapati अरे कोई तो मुझे एक बन्दुक दे दो
      7 hours ago · · 2

    • Govind Singh Bhadouriya maar ke fak do congress valo inke pardada humain lute aa rahe hai
      7 hours ago · · 1

    • Rishabh Mishra loot rahe hain bcz we want, and plz dont excuse vote mat do, vote nahi detain hain to hi aisa hai.
      7 hours ago · · 1

    • Gopal Kumar Kisi ko vote mat do.....sab dog hai
      7 hours ago · · 1

    • Feroz Khan sahi hai
      6 hours ago · · 1

    • Bunty Dubey bilkul thi
      6 hours ago · · 1

    • फेसबुक चौपाल जब अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में क्रूड का दाम 114 डॉलर प्रति बैरल था, तब भी तेल कंपनियाँ घाटा बता रही थीं।
      आज क्रूड का दाम 91.47 डॉलर प्रति बैरल था, तब भी तेल कंपनियाँ घाटा बता रही हैं।
      (दैनिक भास्कर)

      6 hours ago · · 4

    • फेसबुक चौपाल रुपए की गिरती क़ीमतों की बात भी छलावा है।
      15 मई 2011 से अब तक एक साल में डॉलर 10 रुपए महँगा हुआ है,
      जबकि क्रूड 22 डॉलर सस्ता हुआ है।
      (दैनिक भास्कर)

      6 hours ago · · 2

    • Jitendra Kaushik Is sarkar ke sabhi mantri bhrast ho chuke hain. Sab apani jeb bharne main lage hue hain. Janta Ro Rahi hai.
      6 hours ago · · 1

    • Nilesh Rughani તમને પેટ્રોલની વાસ આવી..??

      હા હો....આવી...

      તો લાવો પાંચ રૂપિયા....સુંઘવાના.

      6 hours ago ·

    • Raminder At Hero Moto danda uthane ka time aa gaya hai
      6 hours ago · · 1

    • Sitaram Kushawah ji ok aap sahi hai
      6 hours ago · · 1

    • Atul Arora are bhai yeh sab profit subsidy ke bad hey jo gourvment oil company ko deti hey
      6 hours ago · · 1

    • Satish Kapoor Cost being recovered from peoples, of UPA 3rd. anivarsary
      6 hours ago · · 1

    • फेसबुक चौपाल तीनों तेल कंपनियों का दावा है कि उन्हें इस साल 1,86,000 करोड़ रुपए का घाटा होगा।
      जबकि 2011 की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक
      इंडियन ऑयल को 7,445 करोड़
      हिन्दुस्तान पैट्रोलियम को 1,539 करोड़
      और भारत पैट्रोलियम को 1,547 करोड़
      का मुनाफ़ा हुआ, वो भी टैक्स देने के बाद।
      (दैनिक भास्कर)

      6 hours ago ·

    • फेसबुक चौपाल डीजल, गैस और केरोसीन पर घाटे की बात भी झूठी है, क्योंकि सरकार इन पर सबसिडी देती है।
      (दैनिक भास्कर)

      6 hours ago · · 1

    • Amit Chauhan sarkar ka bus chale to pani bhi 100 rs. liter kar de...........congress murdabad ...congress agle chunab ke liye abhi se chanda bator rahi hai ....
      6 hours ago · · 1

    • Vineet Singh Chauhan Congress ki maa ka saaki naka...
      6 hours ago ·

    • Niranjan Singh Jodha Koyal sahi bat hai........
      5 hours ago · · 1

    • Narendra Nayak
      AAM JANTA AUR GARIBO KA PAISE SE VIDESH YATRA KARTE H AUR KAHTE H GHATA HO RAHA H SARKAR KO. GOVT. TRAVELLING PE ITNE FISUL KHARCH KRTI H KI KOI IS HISAAB NAI DETA .. UNKO KYA H WO APNE JEB SE NAI DAALTE H.. PURA PAISA PUBLIC KA HOTA H... J...See More

      5 hours ago ·

    • Vishal Thecricketer india me sab chalta he
      5 hours ago · · 1

    • Brajesh Maheshwari sarkar ko pata hai ki next time kendra main nahi aa payege jitna desh ko khana hai is 5 saal main kha lo ...............
      5 hours ago ·

    • Atul Shakya Inki manmani rokne ke liye humen front per aana hoga........... is desh ko yuva shakti ki bahut jarurat hai.
      5 hours ago ·

    • Avnish Rajput mohan to bol nahi sakti par soni... ne poora haath de rakha hai
      5 hours ago ·

    • Devendra Sharma sahi h
      5 hours ago ·

    • Sudhakar Pandey cogress rahi to yahi hoga
      5 hours ago ·

    • Prashant Rajput please friend!vate for BJP.tabhi petrol sasta hoga,iska example BJP ne Goa me de diya h,jis din sarkaar bani usi din Goa me petrol 11 rs. sasta ho gaya
      4 hours ago ·

    • Ashish Nagori sara game congress ka hi h ...
      4 hours ago ·

    • Bibin John
      Yogesh भाई , ये सच है की कांग्रेस या ये सरकार अपने ऐश के लिया हमारा पैसा खा रहे है.मगर यह भी सच है की यदि हम कांग्रेस के खिलाफ बोलते है या कांग्रेस को वोट नहीं देने का बोलते है तो इसका 80% लोगो द्वारा यही मतलब निकाला जाता है की कांग्रेस क...See More

      4 hours ago · · 2

    • Bibin John ‎*जो हमें काल लूटे.=जो हमें कम लूटे.
      4 hours ago ·

    • Himanshu Srivastavas kuch nhi hio skta indian economi ka
      4 hours ago ·

    • Kshitij Dutt UPA Govnt Ka daily expances ka audit hona chahiye !!!!!!!!!!!!!!
      4 hours ago ·

    • Pradip Deb nahito cororoka chori keise hoga
      4 hours ago ·

    • Sandeep Inge All people to get unionized and look into the same ...
      4 hours ago ·

    • Mahendra Singh sali congress ne nation ko barbad kar diya bachao yaaro
      3 hours ago ·

    • फेसबुक चौपाल Prashant Rajput जी, बीजेपी शासित राज्यों में ही गोवा के अलावा पैट्रोलियम उत्पाद और कहाँ सस्ते हैं? गोवा में भी पैट्रोल के अलावा पैट्रोलियम उत्पाद कौन से सस्ते हैं? कहाँ पर इन्होंने राज्य के करों को कम करके जनता को राहत दी है इनके दामों में? बीजेपी तो प्रमुख रूप से व्यापारी वर्ग की पार्टी है, वो तो दलालों और मिडलमैन के हितों का ख़याल रखेगी।
      3 hours ago ·

    • Santosh Kushwaha ye monopoly kab tak chalegi??
      3 hours ago ·

    • Manuj Maurya pakka
      2 hours ago ·

    • Mukesh Kumar Rana maro saalo ko........... maa kasam saaalo ko sarso ka tel pila pila ke marunga..
      2 hours ago ·

    • Jay Pal Gangwar maro salo ko tab pta chalega janta ki takat ka..
      2 hours ago ·

    • Ramchandra Suthar Hum bhi sath