स्विट्जरलैंड में खिला दुनिया का सबसे बदबूदार फ़ूल
दुनिया का सबसे बदबूदार और सबसे बड़ा फ़ूल इन दिनों खिला है. स्वीट्जरलैंड में करीब 75 वर्षों के बाद टाइटन एरम पौधे ने अपनी पत्तियां खोली हैं और इसमें फ़ूल आये हैं.
हालांकि, अपने आकार के कारण यह फ़ूल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है लेकिन इस फ़ूल से निकलने वाली गंध इतनी खराब होती है, कि आप शायद ही इस अजूबे फ़ूल को ज्यादा वक्त तक निहारने का साहस जुटा पायें. आपको इस बात से आश्चर्य होगा कि इस फ़ूल की बदबू सड़े हुए मांस जैसी होती है. यह फ़ूल जिसे कॉर्प्स फ्लावर नाम से पुकारा जाता है, गुड फ्राइडे के दिन स्वीटजरलैंड स्थित बेसल के बॉटैनिकल गार्डन में खिला. इस फ़ूल की ऊंचाई दो मीटर से ज्यादा है. एरम टाइटन नामक इस पौधे के बीज से इस अवस्था तक पहुंचने में 17 वर्षो का समय लगा है.
यह पिछले कुछ दिनों से हर रोज 6 सेंटीमीटर बढ़ रहा था और शुक्रवार शाम को पूरी तरह खिल गया. दिलचस्प बात यह है कि इस पौधे को जहां अपने पूरे आकार में आने में 17 वर्षों का वक्त लगा है, वहीं फ़ूल खिलने के महज दो दिन बाद ही रविवार से इसने मुरझाना भी शुरू कर दिया है. इस फ़ूल के खिलने के बाद इसे देखने वालों की भीड़ जमा हो गयी. अंदाजा है कि सिर्फ़ दो दिनों में ही दस हजार से ज्यादा लोग इसे देखेंगे. इस फ़ूल की खोज 1878 में इटली के वैज्ञानिक बेक्कारी ने की थी. इसकी खोज किये जाने के बाद अब तक, दुनिया-भर में इसके खिलने की 134 घटनाएं दर्ज हुई हैं. एक दशक में इस पौधे में औसतन एक बार ही फ़ूल आते हैं. इस पौधे का मूल स्थान इंडोनेशियाई वर्षा वन हैं. यह बिना किसी शाखा के सबसे ज्यादा प्रसार करने वाला पौधा है.
दुनिया भर में वनस्पति शास्त्रियों के भीतर टाइटन एरम को लेकर खासा उत्साह देखा जाता है. इसके फ़ूल की पत्तियां छतरी के आकार की होती हैं. इस फ़ूल का कुल व्यास करीब तीन से चार फ़ीट के बराबर होता है. इसकी गंध को करीब एक मील की दूरी से ही पहचाना जा सकता है.
हालांकि, अपने आकार के कारण यह फ़ूल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है लेकिन इस फ़ूल से निकलने वाली गंध इतनी खराब होती है, कि आप शायद ही इस अजूबे फ़ूल को ज्यादा वक्त तक निहारने का साहस जुटा पायें. आपको इस बात से आश्चर्य होगा कि इस फ़ूल की बदबू सड़े हुए मांस जैसी होती है. यह फ़ूल जिसे कॉर्प्स फ्लावर नाम से पुकारा जाता है, गुड फ्राइडे के दिन स्वीटजरलैंड स्थित बेसल के बॉटैनिकल गार्डन में खिला. इस फ़ूल की ऊंचाई दो मीटर से ज्यादा है. एरम टाइटन नामक इस पौधे के बीज से इस अवस्था तक पहुंचने में 17 वर्षो का समय लगा है.
यह पिछले कुछ दिनों से हर रोज 6 सेंटीमीटर बढ़ रहा था और शुक्रवार शाम को पूरी तरह खिल गया. दिलचस्प बात यह है कि इस पौधे को जहां अपने पूरे आकार में आने में 17 वर्षों का वक्त लगा है, वहीं फ़ूल खिलने के महज दो दिन बाद ही रविवार से इसने मुरझाना भी शुरू कर दिया है. इस फ़ूल के खिलने के बाद इसे देखने वालों की भीड़ जमा हो गयी. अंदाजा है कि सिर्फ़ दो दिनों में ही दस हजार से ज्यादा लोग इसे देखेंगे. इस फ़ूल की खोज 1878 में इटली के वैज्ञानिक बेक्कारी ने की थी. इसकी खोज किये जाने के बाद अब तक, दुनिया-भर में इसके खिलने की 134 घटनाएं दर्ज हुई हैं. एक दशक में इस पौधे में औसतन एक बार ही फ़ूल आते हैं. इस पौधे का मूल स्थान इंडोनेशियाई वर्षा वन हैं. यह बिना किसी शाखा के सबसे ज्यादा प्रसार करने वाला पौधा है.
दुनिया भर में वनस्पति शास्त्रियों के भीतर टाइटन एरम को लेकर खासा उत्साह देखा जाता है. इसके फ़ूल की पत्तियां छतरी के आकार की होती हैं. इस फ़ूल का कुल व्यास करीब तीन से चार फ़ीट के बराबर होता है. इसकी गंध को करीब एक मील की दूरी से ही पहचाना जा सकता है.
No comments:
Post a Comment