अमेरिका को मेगाथ्रस्ट भूकंप का डर
जापान में आये भूकंप के बाद अमेरिका को अपने पश्चिमी तट पर मेगाथ्रस्ट भूकंप आने का डर सताने लगा है.अमेरिकी वैज्ञानिकों का मानना है कि अमेरिका के पश्चिमी तट पर कभी भी तीव्र शक्ति का भूकंप आ सकता है और इससे काफ़ी शक्तिशाली सुनामी भी आ सकती है. वैज्ञानिकों का मानना है कि भूकंप के साथ आने वाली सुनामी इतनी शक्तिशाली होगी कि इससे उत्तर-पश्चिमी तट का काफ़ी बड़ा हिस्सा तबाह हो सकता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि पश्चिमी तट के समीप समुद्र के भीतर कास्केडिया भ्रंश रेखा करीब 300 वर्षो से निष्क्रिय पड़ी हुई है. काफ़ी संभावना है कि इस प्लेट में निकट समय में तेज हलचल देखने को मिले. जापान में आये भूकंप के बाद वैज्ञानिकों ने ज्यां-द-फ़ुका प्लेट की स्थिति की समीक्षा की. इस अध्ययन के आधार पर कहा गया कि अमेरिका के पश्चिमी तट के पास समुद्र के भीतर एक मेगाथ्रस्ट भूकंप आने की प्रबल संभावना है. यह भूकंप ज्यां द फ़ुका प्लेट के कास्केडिया भ्रंश रेखा के सहारे अमेरिकी प्लेट के भीतर धक्का लगाने के कारण पैदा हो सकता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि 11 मार्च को जापान में आयी सुनामी को जन्म देनेवाला भूकंप मेगाथ्रस्ट भूकंप की श्रेणी का था.
इसी तरह अमेरिकी पश्चिमी तट से 50 मील दूर कास्केडिया भ्रंश रेखा के चटकने की आशंका है, जिससे भूकंप और सुनामी का जन्म हो सकता है. इस भूकंप की आशंका इस कारण जतायी जा रही है, क्योंकि भ्रंश रेखाओं के साथ आने वाले भूकंपों के बीच की औसत अवधि 8 से 240 वर्ष की है और इस भ्रंश रेखा के सहारे आनेवाला अंतिम भूकंप करीब 300 वर्ष पहले आया था. यानि अगर औसत समय अंतराल के हिसाब से बात करें तो, इस क्षेत्र में किसी भी पल भूकंप आ सकता है. गौरतलब है कि कास्केडिया भ्रंश उत्तर-पश्चिमी तट पर स्थित वैंकूवर द्वीप से उत्तरी कैलिफ़ोर्निया तक फ़ैला हुआ है और इस भ्रंश के सहारे 300 वर्षो से कोई भूकंप नहीं आया है. गणना के आधार पर यह कहा गया है कि अगले 50 वर्षो के भीतर इस क्षेत्र में रिक्टर स्केल पर 8 पैमाने वाले भूकंप के आने की संभावना 45 प्रतिशत है, जबकि इससे ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप के आने की संभावना करीब 15 फ़ीसदी है.
क्या है मेगा थ्रस्ट भूकंप-
सन् 1900 के बाद आने वाले सभी 9 तीव्रता वाले भूकंप मेगाथ्रस्ट भूकंप की श्रेणी में आते हैं. ऐसा भूकंप तब आता है जब कोई टेक्टोनिक प्लेट धरती के किसी दूसरे टेक्टोनिक प्लेट के भीतर घुसती है और भीतर से उसे धक्का लगाती है. 2004 में 26 दिसंबर को हिंद महासागर में आयी सुनामी का कारण ऐसा ही मेगाथ्रस्ट भूकंप था. 11 मार्च को जापान में आये भूकंप को भी मेगाथ्रस्ट भूकंप की श्रेणी में रखा जा सकता है
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