Tuesday, September 25, 2012

"बंद करो !! --- क्या - क्या बंद करोगे ?...
Rajiv Chaturvedi 9:24pm Aug 25
"बंद करो !! --- क्या - क्या बंद करोगे ? प्रदर्शनकारी न पहुँच जाएँ इस लिए मेट्रो बंद करोगे. मुसलमान दंगे करें तो हिन्दुओं की सोसल साईट बंद करोगे. संसद में बहस बंद करोगे. कोयले और 2-G की नीलामी में ईमानदारी बंद करोगे. कश्मीर में तिरंगा फहराना बंद करोगे. काले धन को वापस लाने की आवाज़ उठाना बंद करोगे. महगाई पर रोक लगाना बंद करोगे. अपने विरोध की हर आवाज़ को बंद करोगे. लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बंद करोगे. नहीं बंद करोगे तो पाकिस्तान से क्रिकेट खेलना. नहीं बंद करोगे बांग्लादेशियों की भारत में घुसपैठ. नहीं बंद करोगे साम्प्रदायिकता के नाम पर केवल और केवल हिन्दुओं का विरोध. नहीं बंद करोगे भ्रष्टाचार. नहीं बंद करोगे अफज़ल गुरू और कसाब के जीवित रहने की संभावना. नहीं बंद करोगे अमेरिका के दरवाजे भारत को गिरवी रखना. अरे बेईमानो बंद करते तो करते भारतीय मुद्रा का अवमूल्यन, बंद करते तो करते मंहगाई की बढ़त, बंद करते तो करते बेरोजगारी, कालाबाजारी. बंद करते तो करते योजना आयोग की आइयासी को. बंद करते तो करते सत्ता की दलाली. बंद करते तो करते देश को लूट कर विदेशी बैंकों में जमा होते धन को. बंद करते तो करते CBI के दुरुपयोग को जिसकी दम पर मुलायम ,मायाबती ,लालू जैसे महान ईमानदारों की दम से सरकार चल रही है. बंद करते तो करते इनकम टेक्स को पालतू कुत्ते के तरह अपने विरोधियों पर लिस्कारने की प्रवृति को. बंद करते तो करते रोबर्ट्स बढेरा की दलाली. बंद करते तो करते नारायण दत्त तिवारी, अभिषेक मनु सिंघवी और गोपाल कांडा की औरत खोरी और मंत्रियों की हरामखोरी. बंद करते तो करते दाउद इब्राहम को. बंद करते तो करते शाही इमाम को जो दसियों साल से इस देश की क़ानून व्यवस्था को धता बता रहा है और सर्वोच्च न्यायलय के आदेश के बाद भी सरकारी साजिश से गिरफ्तार नहीं किया जा रहा." ----राजीव चतुर्वेदी
जिस आतंकी को मार दुनिया में बन रहे थे 'शेर' वो तो पहले ही हो गया था ढ़ेर!

ओसामा बिन लादेन की हत्या के लिए 'ऑपरेशन नेप्ट्यून स्पीयर' में हिस्सा लेने वाले नेवी सील कमांडो की किताब में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। 'नो इज़ी डे-द आटोबायोग्राफी ऑफ ए नेवी सील' नामक किताब में खुलासा किया गया है कि अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के कमरे में सैनिकों के घुसने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी। इस किताब में यह भी लिखा गया है कि उस दौरान लादेन निहत्था था। यह किताब लादेन डेथ मिशन में शामिल 6 सील कमांडो टीम के किसी सदस्य ने मार्क ओवेन के नाम से लिखी है। इस किताब की एक कॉपी 'हफिंगटन पोस्ट' के हाथ लगी है। किताब में यह लिखा गया है कि 'ऑपरेशन नेप्ट्यून स्पीयर' की सच्चाई उससे काफी अलग थी, जो दुनिया के सामने प्रस्तुत की गई। ओवेन ने लिखा है कि दल में शामिल एक कमांडो ने पहले आतंकी सरगना के बेडरूम में प्रवेश किया और सीढ़ियां चढ़ रहे अन्य कमांडोज को आने का संकेत दिया। उन क्षणों का वर्णन करते हुए किताब में लिखा गया है, "हम बिल्डिंग के ऊपरी फ्लोर पर पहुंचने से मात्र 5 कदम पीछे थे, तभी मैंने गोलियों की आवाज सुनी। अपनी पोजिशन से मैं यह अंदाजा नहीं लगा पाया कि गोलियां किसी को लगी हैं या नहीं। इसके बाद एक व्यक्ति अंधेरे कमरे में गायब हो गया।" गौरतलब है कि वर्ल्ड मीडिया में लादेन की मौत की कुछ अलग ही तस्वीर पेश की गई थी। बताया गया था कि जब अमेरिकी नेवी सील कमांडोज लादेन के कमरे में पहुंचे तो वह हथियारों से लैस था, जबकि इस किताब में लिखा गया है कि सील कमांडो के हमले से पहले ही लादेन को गोलियां लग चुकी थी और वो अपनी आखिरी सांसे ले रहा था। आखिर में सील कमांडो ने उसके सीने पर गोलियां दागी। लादेन के शव की तस्वीरें खींचते समय उसके कमरे से दो बंदूक तो मिली थी, लेकिन वे लोडेड नहीं थीं। इस किताब में ऑपरेशन नेप्ट्यून स्पीयर से जुड़े कई अन्य अहम् खुलासे किए गए हैं, जिससे अमेरिकी सरकार सवालों में घिर सकती है। गौरतलब है कि 'नो इज़ी डे-द आटोबायोग्राफी ऑफ ए नेवी सील' पत्रकार केविन मोरर के सहयोग से लिखी गई है। मोरर इससे पहले चार किताबें लिख चुके हैं, जिनमें से दो अफगानिस्तान में तैनात सैनिकों पर लिखी गई हैं।