"बंद
करो !! --- क्या - क्या बंद करोगे ? प्रदर्शनकारी न पहुँच जाएँ इस लिए
मेट्रो बंद करोगे. मुसलमान दंगे करें तो हिन्दुओं की सोसल साईट बंद करोगे.
संसद में बहस बंद करोगे. कोयले और 2-G की नीलामी में ईमानदारी बंद करोगे.
कश्मीर में तिरंगा फहराना बंद करोगे. काले धन को वापस लाने की आवाज़ उठाना
बंद करोगे. महगाई पर रोक लगाना बंद करोगे. अपने विरोध की हर आवाज़ को बंद
करोगे. लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बंद करोगे. नहीं बंद करोगे तो पाकिस्तान
से क्रिकेट खेलना. नहीं बंद करोगे बांग्लादेशियों की भारत में घुसपैठ. नहीं
बंद करोगे साम्प्रदायिकता के नाम पर केवल और केवल हिन्दुओं का विरोध. नहीं
बंद करोगे भ्रष्टाचार. नहीं बंद करोगे अफज़ल गुरू और कसाब के जीवित रहने
की संभावना. नहीं बंद करोगे अमेरिका के दरवाजे भारत को गिरवी रखना. अरे
बेईमानो बंद करते तो करते भारतीय मुद्रा का अवमूल्यन, बंद करते तो करते
मंहगाई की बढ़त, बंद करते तो करते बेरोजगारी, कालाबाजारी. बंद करते तो करते
योजना आयोग की आइयासी को. बंद करते तो करते सत्ता की दलाली. बंद करते तो
करते देश को लूट कर विदेशी बैंकों में जमा होते धन को. बंद करते तो करते
CBI के दुरुपयोग को जिसकी दम पर मुलायम ,मायाबती ,लालू जैसे महान ईमानदारों
की दम से सरकार चल रही है. बंद करते तो करते इनकम टेक्स को पालतू कुत्ते
के तरह अपने विरोधियों पर लिस्कारने की प्रवृति को. बंद करते तो करते
रोबर्ट्स बढेरा की दलाली. बंद करते तो करते नारायण दत्त तिवारी, अभिषेक मनु
सिंघवी और गोपाल कांडा की औरत खोरी और मंत्रियों की हरामखोरी. बंद करते तो
करते दाउद इब्राहम को. बंद करते तो करते शाही इमाम को जो दसियों साल से इस
देश की क़ानून व्यवस्था को धता बता रहा है और सर्वोच्च न्यायलय के आदेश के
बाद भी सरकारी साजिश से गिरफ्तार नहीं किया जा रहा." ----राजीव चतुर्वेदी
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Tuesday, September 25, 2012
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