सुयश आर्य shared Rameshwar Arya's photo.
सादर ओ३म
एक महत्वपूर्ण जानकारी आपको अग्रेषित की जा रही है. कृपया ध्यान देवें.
----------
Subject: *खतरनाक खानपान को जानिए और सभी को बताइए |*
1) अधिकतर चॉकलेट Whey Powder से बनाई जाती हैं|
2) Cheese बनाने की प्रक्रिया में Whey Powder एक सहउत्पाद है| अधिकतर Cheese
भी युवा स्तनधारियों के Rennet से बनाया जाता है| Rennet युवा स्तनधारियों के
पेट में पाया जाने वाला एंजाइमों का एक प्राकृतिक समूह है, जो माँ के दूध को
पचाने के काम आता है| इसका उपयोग Cheese बनाने में होता है| अधिकतर Rennet को
गाय के बछड़े से प्राप्त किया जाता है, क्योंकि उसमे गाय के दूध को पचाने की
बेहतर प्रवृति होती है|
(मित्रों यहाँ Cheese व पनीर में बहुत बड़ा अंतर है, इसे समझें|)
आजकल हम भी बच्चों के मूंह चॉकलेट लगा देते हैं, बिना यह जाने की इसका निर्माण
कैसे होता है?
दरअसल यह सब विदेशी कंपनियों के ग्लैमर युक्त विज्ञापनों का एक षड्यंत्र है|
जिन्हें देखकर अच्छे खासे पढ़े लिखे लोग इनके मोह में ज्यादा पड़ते हैं| आजकल
McDonald, Pizza Hut, Dominos, KFC के खाद्द पदार्थ यहाँ भारत में भी काफी
प्रचलन में हैं| तथाकथित आधुनिक लोग अपना स्टेटस दिखाते हुए इन जगहों पर बड़े
अहंकार से जाते हैं| कॉलेज के छात्र-छात्राएं अपनी Birth Day Party दोस्तों के
साथ यहाँ न मनाएं तो इनकी नाक कट जाती है| वैसे इन पार्टियों में अधिकतर
लडकियां ही होती हैं क्योंकि लड़के तो उस समय बीयर बार में होते हैं| मैंने भी
अपने बहुत से मित्रों व परिचितों को बड़े शौक से इन जगहों पर जाते देखा है,
बिना यह जाने कि ये खाद्द सामग्रियां कैसे बनती हैं?
3) यहाँ जयपुर में ही मांस का व्यापार करने वाले एक व्यक्ति से एक बार पता चला
कि किस प्रकार वे लोग मांस के साथ साथ पशुओं की चर्बी से भी काफी मुनाफा कमाते
हैं| ये लोग चर्बी को काट काट कर कीमा बनाते हैं व बाद में उससे घी व चीज़
बनाते हैं| मैंने पूछा कि इस प्रकार बने घी व चीज़ का सेवन कौन करता है? तो
उसने बताया कि McDonald, Pizza Hut, Dominos आदि इसी घी व चीज़ का उपयोग अपनी
खाद सामग्रियों में करते हैं व वे इसे हमसे भी खरीदते हैं|
4) इसके अलावा सूअर के मांस से सोडियम इनोसिनेट अम्ल का उत्पादन होता है, जिससे
भी खाने पीने की बहुत सी वस्तुएं बनती हैं| सोडियम इनोसिनेट एक प्राकृतिक अम्ल
है जिसे औद्योगिक रूप से सूअर व मछली से प्राप्त किया जाता है| इसका उपयोग
मुख्यत: स्वाद को बढाने में किया जाता है| बाज़ार में मिलने वाले बेबी फ़ूड में
इस अम्ल को उपयोग में लिया जाता है, जबकि १२ सप्ताह से कम आयु के बच्चों के
भोजन में यह अम्ल वर्जित है|
5) इसके अतिरिक्त विभिन्न कंपनियों के आलू चिप्स व नूडल्स में भी यह अम्ल स्वाद
को बढाने के लिए उपयोग में लाया जाता है| नूडल्स के साथ मिलने वाले टेस्ट मेकर
के पैकेट पर इसमें उपयोग में लिए गए पदार्थों के सम्बन्ध में कुछ नहीं लिखा
होता| Maggie कंपनी का तो यह कहना था कि यह हमारी सीक्रेट रेसिपी है| इसे हम
सार्वजनिक नहीं कर सकते|
6) चुइंगम जैसी चीज़ें बनाने के लिए भी सूअर की चर्बी से बने अम्ल का उपयोग
किया जाता है|
इस प्रकार की वस्तुओं को प्राकृतिक रूप से तैयार करना महंगा पड़ता है अत:
इन्हें पशुओं से प्राप्त किया जाता है|
7) Disodium Guanylate (E-627) का उत्पादन सूखी मछलियों व समुद्री सेवार से
किया जाता है, इसका उपयोग ग्लुटामिक अम्ल बनाने में किया जाता है|
8) Dipotassium Guanylate (E-628) का उत्पादन सूखी मछलियों से किया जाता है,
इसका उपयोग स्वाद बढाने में किया जाता है|
9) Calcium Guanylate (E-629) का उत्पादन जानवरों की चर्बी से किया जाता है,
इसका उपयोग भी स्वाद बढाने में किया जाता है|
10) Inocinic Acid (E-630) का उत्पादन सूखी मछलियों से किया जाता है, इसका
उपयोग भी स्वाद बढाने में किया जाता है|
11) Disodium Inocinate (e-631) का उत्पादन सूअर व मछली से किया जाता है, इसका
उपयोग चिप्स, नूडल्स में चिकनाहट देने व स्वाद बढाने में किया जाता है|
12) इन सबके अतिरिक्त शीत प्रदेशों के जानवरों के फ़र के कपडे, जूते आदि भी
बनाए जाते हैं| इसके लिए किसी जानवर के शरीर से चमड़ी को खींच खींच कर निकाला
जाता है व जानवर इसी प्रकार 5-10 घंटे तक खून से लथपथ तडपता रहता है| तब जाकर
मखमल कोट व कपडे तैयार होते हैं और हम फैशन के नाम पर यह पाप पहने मूंह उठाए
घुमते रहते हैं|
यह सब आधुनिकता किस काम की? ये सब हमारे ब्रेनवाश का परिणाम है, जो अंग्रेज़ कर
गए|
- भारत स्वाभिमान एवं पतंजलि योग
http://98.130.113.92/Bharat_Ke _Samajik_Evam_Charitrik_Patan_ Ka_Shadyantra.mp3
http://98.130.113.92/Sangathan _Ki_Maryada_Evam_Siddhant.mp3
http://98.130.113.92/Bharat_Ka _Swarnim_Atit.mp3
http://98.130.113.92/Bharat_Ki _Vishwa_Ko_Den.mp3
http://98.130.113.92/Aetihaasi k_Bhoolen.mp3
http://98.130.113.92/Bharat_Me in_Gulaami_Ki_Nishaaniyan.mp3
http://98.130.113.92/Videshi_K ampaniyon_Ki_Loot_Evam_Swadesh i_Ka_Darshan.mp3
http://98.130.113.92/Mansaahaa r_Se_Haaniyan.mp3
http://98.130.113.92/Swadeshi_ Se_Swawlambi_Bharat.mp3
http://98.130.113.92/Angrejee_ Bhasha_Ki_Gulaami.mp3
http://98.130.113.92/Bharat_Ka _Sanskrutik_Patan.mp3
http://98.130.113.92/Vish_Mukt _Kheti.mp3
http://98.130.113.92/Sanskrut_ Bhasha_Ki_Vaigyanikta.mp3
http://98.130.113.92/Vyavastha _Parivartan_Ki_Kranti.mp3
http://98.130.113.92/Antarraas htriya_Sandhiyon_Mein_Phansa_B harat.mp3
http://98.130.113.92/Maut_Ka_V yapar.mp3
http://98.130.113.92/Swaasthya _Katha.mp3
http://98.130.113.92/Kheti_Aur _Kisaano_Ki_Gulaami.mp3
http://98.130.113.92/Swiss_Ban ks_Mein_Bharat_Ki_Loot.mp3
http://98.130.113.92/Bharatiya _Azaadi_Ka_Itihaas.mp3
http://98.130.113.92/Videshi_V igyapano_Ka_Jhoot.mp3
http://98.130.113.92/Elizabeth _Ki_Bharat_Yaatra_1997.mp3
http://98.130.113.92/Macaulay_ Shikshan_Paddhati.mp3
http://98.130.113.92/Udharikar an_Aur_Vaishvikaran.mp3
http://98.130.113.92/Vigyapano _Ka_Baal_Mann_Par_Prabhav.mp3
http://98.130.113.92/Goraksha_ Aur_Uska_Mahatv.mp3cc
http://98.130.113.92/Ram_Katha _Naye_Sandarbh_Mein.mp3
http://98.130.113.92/Mahatma_G andhi_Ko_Shradhanjali.mp3
http://98.130.113.92/Patent_Ka anoon_Aur_Davao_Par_Hamla.mp3
http://98.130.113.92/Patent_Ka anoon_Aur_Davao_Par_Hamla.mp3
http://98.130.113.92/Pokhran_P arikshan_Aur_Arthik_Dighbandha n.mp3
http://98.130.113.92/Bharat_Au r_Europe_Ki_Sanskruti.mp3
http://98.130.113.92/Jan_Gan_V ande_Mataram_ki_kahani.mp3
http://98.130.113.92/Bharat_Au r_Paschimi_Vigyan_Takniki.mp3
http://98.130.113.92/CTBT_Aur_ Bharatiya_Asmita.mp3
http://98.130.113.92/Arthvyava stha_Ko_Sudhaarne_Ke_Upaay.mp3
http://98.130.113.92/Arthvyava stha_Ko_Sudhaarne_Ke_Upaay.mp3
http://98.130.113.92/Pratibha_ Palaayan_Pune_Engg_College.mp3
http://98.130.113.92/Swadeshi_ Andolan_Mein_Ganesh_Utsav_Ka_M ahatva.mp3
http://98.130.113.92/Bharat_Pa r_Videshi_Aakraman_Kargil_Yudd h.mp3
http://98.130.113.92/Aatankvaa d_Aur_Uska_Nivaaran_WTC_Attack .mp3
Bharat Ke Samajik Evam Charitrik Patan Ka Shadyantra
98.130.113.92
Bharat Ke Samajik Evam Charitrik Patan Ka Shadyantra
98.130.113.92
http://www.rajivdixit.com/ - Rajiv Dixit audio and videos lectures.
http://www.bharatswabhimanyatr a.com/ - Swami Ramdev's Yatra Videos
http://www.bharatswabhimantrus t.org/ - Bharat Swabhiman Official website
by: Rameshwar एक महत्वपूर्ण जानकारी आपको अग्रेषित की जा रही है. कृपया ध्यान देवें.
----------
Subject: *खतरनाक खानपान को जानिए और सभी को बताइए |*
1) अधिकतर चॉकलेट Whey Powder से बनाई जाती हैं|
2) Cheese बनाने की प्रक्रिया में Whey Powder एक सहउत्पाद है| अधिकतर Cheese
भी युवा स्तनधारियों के Rennet से बनाया जाता है| Rennet युवा स्तनधारियों के
पेट में पाया जाने वाला एंजाइमों का एक प्राकृतिक समूह है, जो माँ के दूध को
पचाने के काम आता है| इसका उपयोग Cheese बनाने में होता है| अधिकतर Rennet को
गाय के बछड़े से प्राप्त किया जाता है, क्योंकि उसमे गाय के दूध को पचाने की
बेहतर प्रवृति होती है|
(मित्रों यहाँ Cheese व पनीर में बहुत बड़ा अंतर है, इसे समझें|)
आजकल हम भी बच्चों के मूंह चॉकलेट लगा देते हैं, बिना यह जाने की इसका निर्माण
कैसे होता है?
दरअसल यह सब विदेशी कंपनियों के ग्लैमर युक्त विज्ञापनों का एक षड्यंत्र है|
जिन्हें देखकर अच्छे खासे पढ़े लिखे लोग इनके मोह में ज्यादा पड़ते हैं| आजकल
McDonald, Pizza Hut, Dominos, KFC के खाद्द पदार्थ यहाँ भारत में भी काफी
प्रचलन में हैं| तथाकथित आधुनिक लोग अपना स्टेटस दिखाते हुए इन जगहों पर बड़े
अहंकार से जाते हैं| कॉलेज के छात्र-छात्राएं अपनी Birth Day Party दोस्तों के
साथ यहाँ न मनाएं तो इनकी नाक कट जाती है| वैसे इन पार्टियों में अधिकतर
लडकियां ही होती हैं क्योंकि लड़के तो उस समय बीयर बार में होते हैं| मैंने भी
अपने बहुत से मित्रों व परिचितों को बड़े शौक से इन जगहों पर जाते देखा है,
बिना यह जाने कि ये खाद्द सामग्रियां कैसे बनती हैं?
3) यहाँ जयपुर में ही मांस का व्यापार करने वाले एक व्यक्ति से एक बार पता चला
कि किस प्रकार वे लोग मांस के साथ साथ पशुओं की चर्बी से भी काफी मुनाफा कमाते
हैं| ये लोग चर्बी को काट काट कर कीमा बनाते हैं व बाद में उससे घी व चीज़
बनाते हैं| मैंने पूछा कि इस प्रकार बने घी व चीज़ का सेवन कौन करता है? तो
उसने बताया कि McDonald, Pizza Hut, Dominos आदि इसी घी व चीज़ का उपयोग अपनी
खाद सामग्रियों में करते हैं व वे इसे हमसे भी खरीदते हैं|
4) इसके अलावा सूअर के मांस से सोडियम इनोसिनेट अम्ल का उत्पादन होता है, जिससे
भी खाने पीने की बहुत सी वस्तुएं बनती हैं| सोडियम इनोसिनेट एक प्राकृतिक अम्ल
है जिसे औद्योगिक रूप से सूअर व मछली से प्राप्त किया जाता है| इसका उपयोग
मुख्यत: स्वाद को बढाने में किया जाता है| बाज़ार में मिलने वाले बेबी फ़ूड में
इस अम्ल को उपयोग में लिया जाता है, जबकि १२ सप्ताह से कम आयु के बच्चों के
भोजन में यह अम्ल वर्जित है|
5) इसके अतिरिक्त विभिन्न कंपनियों के आलू चिप्स व नूडल्स में भी यह अम्ल स्वाद
को बढाने के लिए उपयोग में लाया जाता है| नूडल्स के साथ मिलने वाले टेस्ट मेकर
के पैकेट पर इसमें उपयोग में लिए गए पदार्थों के सम्बन्ध में कुछ नहीं लिखा
होता| Maggie कंपनी का तो यह कहना था कि यह हमारी सीक्रेट रेसिपी है| इसे हम
सार्वजनिक नहीं कर सकते|
6) चुइंगम जैसी चीज़ें बनाने के लिए भी सूअर की चर्बी से बने अम्ल का उपयोग
किया जाता है|
इस प्रकार की वस्तुओं को प्राकृतिक रूप से तैयार करना महंगा पड़ता है अत:
इन्हें पशुओं से प्राप्त किया जाता है|
7) Disodium Guanylate (E-627) का उत्पादन सूखी मछलियों व समुद्री सेवार से
किया जाता है, इसका उपयोग ग्लुटामिक अम्ल बनाने में किया जाता है|
8) Dipotassium Guanylate (E-628) का उत्पादन सूखी मछलियों से किया जाता है,
इसका उपयोग स्वाद बढाने में किया जाता है|
9) Calcium Guanylate (E-629) का उत्पादन जानवरों की चर्बी से किया जाता है,
इसका उपयोग भी स्वाद बढाने में किया जाता है|
10) Inocinic Acid (E-630) का उत्पादन सूखी मछलियों से किया जाता है, इसका
उपयोग भी स्वाद बढाने में किया जाता है|
11) Disodium Inocinate (e-631) का उत्पादन सूअर व मछली से किया जाता है, इसका
उपयोग चिप्स, नूडल्स में चिकनाहट देने व स्वाद बढाने में किया जाता है|
12) इन सबके अतिरिक्त शीत प्रदेशों के जानवरों के फ़र के कपडे, जूते आदि भी
बनाए जाते हैं| इसके लिए किसी जानवर के शरीर से चमड़ी को खींच खींच कर निकाला
जाता है व जानवर इसी प्रकार 5-10 घंटे तक खून से लथपथ तडपता रहता है| तब जाकर
मखमल कोट व कपडे तैयार होते हैं और हम फैशन के नाम पर यह पाप पहने मूंह उठाए
घुमते रहते हैं|
यह सब आधुनिकता किस काम की? ये सब हमारे ब्रेनवाश का परिणाम है, जो अंग्रेज़ कर
गए|
- भारत स्वाभिमान एवं पतंजलि योग
http://98.130.113.92/Bharat_Ke
http://98.130.113.92/Sangathan
http://98.130.113.92/Bharat_Ka
http://98.130.113.92/Bharat_Ki
http://98.130.113.92/Aetihaasi
http://98.130.113.92/Bharat_Me
http://98.130.113.92/Videshi_K
http://98.130.113.92/Mansaahaa
http://98.130.113.92/Swadeshi_
http://98.130.113.92/Angrejee_
http://98.130.113.92/Bharat_Ka
http://98.130.113.92/Vish_Mukt
http://98.130.113.92/Sanskrut_
http://98.130.113.92/Vyavastha
http://98.130.113.92/Antarraas
http://98.130.113.92/Maut_Ka_V
http://98.130.113.92/Swaasthya
http://98.130.113.92/Kheti_Aur
http://98.130.113.92/Swiss_Ban
http://98.130.113.92/Bharatiya
http://98.130.113.92/Videshi_V
http://98.130.113.92/Elizabeth
http://98.130.113.92/Macaulay_
http://98.130.113.92/Udharikar
http://98.130.113.92/Vigyapano
http://98.130.113.92/Goraksha_
http://98.130.113.92/Ram_Katha
http://98.130.113.92/Mahatma_G
http://98.130.113.92/Patent_Ka
http://98.130.113.92/Patent_Ka
http://98.130.113.92/Pokhran_P
http://98.130.113.92/Bharat_Au
http://98.130.113.92/Jan_Gan_V
http://98.130.113.92/Bharat_Au
http://98.130.113.92/CTBT_Aur_
http://98.130.113.92/Arthvyava
http://98.130.113.92/Arthvyava
http://98.130.113.92/Pratibha_
http://98.130.113.92/Swadeshi_
http://98.130.113.92/Bharat_Pa
http://98.130.113.92/Aatankvaa
Bharat Ke Samajik Evam Charitrik Patan Ka Shadyantra
98.130.113.92
Bharat Ke Samajik Evam Charitrik Patan Ka Shadyantra
98.130.113.92
http://www.rajivdixit.com/ - Rajiv Dixit audio and videos lectures.
http://www.bharatswabhimanyatr
http://www.bharatswabhimantrus
No comments:
Post a Comment