Monday, September 19, 2011

नौटंकी करते हैं दिग्विजय:उलेमा

19th September 2011   ·   0 Comments
बटला हाउस मुठभेड़ की जांच कराने की मांग को लेकर सोमवार को नयी दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया गया.
आज़मगढ़ से विशेष ट्रेन से आए राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के हजारों समर्थकों के खास निशाने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह रहे.
दिग्विजय ने कुछ महीने पहले आजमगढ़ जिले के संजरपुर गांव का दौरा किया था और इसी दौरान उन्होंने बटला हाउस मुठभेड़ पर सवाल खड़े किए थे.
उल्लेखनीय है कि 19 सितंबर, 2008 को हुई मुठभेड़ में मारे गए दो संदिग्ध युवकों आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद का ताल्लुक इसी गांव से है.
उलेमा काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी मदनी ने कहा, ‘यह कितनी अजीब बात है कि दिग्विजय सिंह संजरपुर जाकर इस मुठभेड़ पर सवाल खड़े करते हैं, लेकिन दिल्ली में उनकी सरकार है, जो इस मामले की उच्च स्तरीय जांच नहीं करवा रही है.’
उन्होंने कहा, ‘दिग्विजय ने मुझसे खुद कहा था कि उन्होंने इस मुठभेड़ के फर्जी होने की बात कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कही, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी. मुझे लगता है कि दिग्विजय सिर्फ नौटंकी करते हैं. उन्हें मुसलमानों से कोई हमदर्दी नहीं है.’
विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों ने सोनिया, प्रधानमंत्री और राहुल गांधी के खिलाफ भी नारेबाजी की, हालांकि इन लोगों के निशाने पर सबसे ज्यादा दिग्विजय रहे.
बटला हाउस में 19 सितंबर, 2008 को दिल्ली पुलिस और कुछ कथित आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इसमें पुलिस निरीक्षक मोहन चंद शर्मा और दो संदिग्ध युवक आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे. पुलिस ने आतिफ और उसके साथियों के आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े होने और 13 सितंबर, 2008 के दिल्ली बम धमाकों में शामिल होने का दावा किया था.
इस मुठभेड़ को लेकर कुछ सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों की ओर से सवाल उठाए जाते रहे हैं, हालांकि उच्चतम न्यायालय ने न्यायिक जांच किए जाने की मांग को लेकर दायर एक याचिका को अक्तूबर, 2009 में खारिज कर दिया था.
एक विशेष ट्रेन ‘उलेमा एक्सप्रेस’ से दिल्ली पहुंचे लोगों ने इस कथित फर्जी मुठभेड़ को लेकर ‘इंसाफ’ की मांग की. उलेमा मदनी ने कहा, ‘हम जंतर-मंतर पर इंसाफ के लिए एकत्र हुए हैं. हमारा मानना है कि यह मुठभेड़ फर्जी थी और इसकी जांच होनी चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘हमारी मांग है कि इस मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश की निगरानी में सीबीआई से कराई जानी चाहिए. अगर हमारी यह मांग नहीं मानी गई तो हम अपना विरोध प्रदर्शन और तेज करेंगे.’
आजमगढ़ से रविवार को चली ‘उलेमा एक्सप्रेस’ के जरिए हजारों लोग आज सुबह करीब सात बजे दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन पर पहुंचे. इसके बाद ये लोग पैदल मार्च करते हुए जंतर-मंतर आए, जहां विरोध प्रदर्शन का कार्यक्रम आयोजित किया गया था.
इस विरोध प्रदर्शन में आज़मगढ़ के मुस्लिम समुदाय के अलावा हिंदू समुदाय के लोग भी बड़ी संख्या में नज़र आए. उलेमा काउंसिल के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता जनार्दन सिंह ने कहा, ‘यह विरोध प्रदर्शन किसी एक समुदाय का नहीं है. इसमें हिंदू समुदाय के लोग भी बड़ी संख्या में जुड़े हैं.
आजमगढ़ और उत्तर प्रदेश के सभी लोग चाहते हैं कि बटला हाउस मामले की सच्चाई सामने आए.

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