वैज्ञानिकों को टाइटन पर मिले समुद्र होने के संकेत
टाइटन हमेशा से ही खगोल शास्त्रियों को अपनी और आकर्षित करता रहा है. इसके पीछे के कारण ये हैं कि इसकी कुछ विशेषताएं पृथ्वी से मेल खाती हैं और यह एक मात्र ऐसा ग्रह है जिसकी सतह के भीतर तरल होने की संभावना है.शोधकर्ताओं के इस क्रम में एक कदम और आगे बढ़ गया है, एक नये अध्ययन से टाइटन पर समुद्र होने के संकेत मिले हैं. लेकिन अभी इसको लेकर अटकलें लगायी जा रही हैं कि कहीं यह तरल मीथेन तो नहीं है. वैज्ञानिकों को यह संकेत भी मिले हैं कि टाइटन का यह समुद्र पानी और अमोनिया से मिलकर बना हो सकता है. इसके अलावा इसकी लंबाई 30 किलोमीटर अनुमानित बतायी गयी है. नासा का कैसिनी अंतरिक यान टाइटन पर नजर बनाये हुए है और इस संबंध में आकड़े एकत्र करने की कोशिश में लगा है.
अभी तक राडार द्वारा भेजी गयी जानकारी के अनुसार टाइटन पर भूमिगत समुद्र होने की संभावना है. इसके अलावा ये बात भी सामने आयी है कि टाइटन की कक्षा चंद्रमा के समान ही है, और इसकी धुरी में 0.3 डिग्री का परिवर्तन आया है. शोधकर्ता रोस मरीन ब्लेंड जो रॉयल ऑवजरवेटरी ऑफ़ बेल्जियम ब्रुसेल्स से संबंध रखते है और प्रमुख शोधकर्ता हैं, उनका कहना है कि हर ग्रह के निर्माण की प्रक्रिया अलग होती है, लेकिन एक ग्रह दूसरे से कुछ न कुछ संबंध रखता है. रोस द्वारा कही गयी इस बात से सभी खगोलविज्ञानी सहमत नहीं हैं
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