मां का दूध पीनेवाले बच्चे बनते हैं व्यवहार कुशल
यह बात बहुत पहले से ही मालूम है कि पहले छह महीने तक स्तनपान ( ब्रेस्ट फ़ीडिंग ) कराने से बच्चे कई तरह की बीमारियों और एलर्जी से बचे रहते हैं.
अब एक नये रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि इससे वे बड़े होकर ज्यादा व्यवहारकुशल भी बनते हैं. ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में शोधकर्ताओं ने एक शोध में पाया कि पहले चार महीने तक स्तनपान कराने से ही बच्चों में बड़ा होकर बुरा बर्ताव करने का खतरा एक तिहाई तक कम हो जाता है. स्टडी टीम ने पाया कि चार महीने तक स्तनपान करने वाले बच्चों के मुकाबले फ़ॉम्र्युला मिल्क पर पले 16 फ़ीसदी बच्चों में एंग्जाइटी, झूठ बोलना, चोरी और ज्यादा गुस्सैल होने जैसी प्रवृतियां देखी गयी.
टीम लीडर डॉक्टर मारिया क्वीग्ली की अगुआई में टीम ने 9500 मांओं और बच्चों पर स्टडी की. ब्रिटेन में साल 2000 से 2001 के बीच की 12 महीने के दौरान पैदा हुए बच्चों पर की गयी इस स्टडी के दौरान के पैरंट्स से पांच साल की उम्र तक उनके बच्चों के बर्ताव के बारे में सवाल पूछे गये. नतीजे में पाया गया कि फ़ॉम्र्युला मिल्क पर पले बच्चों में से 16 फ़ीसदी और स्तनपान पर पले बच्चों में से सिर्फ़ 6 फ़ीसदी में असामान्य बर्ताव विकसित हुआ.
अब एक नये रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि इससे वे बड़े होकर ज्यादा व्यवहारकुशल भी बनते हैं. ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में शोधकर्ताओं ने एक शोध में पाया कि पहले चार महीने तक स्तनपान कराने से ही बच्चों में बड़ा होकर बुरा बर्ताव करने का खतरा एक तिहाई तक कम हो जाता है. स्टडी टीम ने पाया कि चार महीने तक स्तनपान करने वाले बच्चों के मुकाबले फ़ॉम्र्युला मिल्क पर पले 16 फ़ीसदी बच्चों में एंग्जाइटी, झूठ बोलना, चोरी और ज्यादा गुस्सैल होने जैसी प्रवृतियां देखी गयी.
टीम लीडर डॉक्टर मारिया क्वीग्ली की अगुआई में टीम ने 9500 मांओं और बच्चों पर स्टडी की. ब्रिटेन में साल 2000 से 2001 के बीच की 12 महीने के दौरान पैदा हुए बच्चों पर की गयी इस स्टडी के दौरान के पैरंट्स से पांच साल की उम्र तक उनके बच्चों के बर्ताव के बारे में सवाल पूछे गये. नतीजे में पाया गया कि फ़ॉम्र्युला मिल्क पर पले बच्चों में से 16 फ़ीसदी और स्तनपान पर पले बच्चों में से सिर्फ़ 6 फ़ीसदी में असामान्य बर्ताव विकसित हुआ.
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