आकाशगंगा के अनाथ ग्रह
पृथ्वी से अरबों मील दूर आकाशगंगा में सैकड़ों ग्रह तैर रहे हैं, जिनका कोई अभिभावक नहीं. यानी सूर्य जैसा कोई स्रोत नहीं, जिसके गिर्द वे चक्कर लगा रहे हों. ये मामूली ग्रह नहीं, बल्कि वृहस्पति यानी जूपिटर जितने विशाल हैं.
पिछले दो वर्ष में 10 ऐसे ग्रहों का पता लगाया गया है, जो अपने निकटतम सूर्य से काफ़ी दूर हैं. वैज्ञानिकों ने इन ग्रहों की जानकारी हासिल करने के लिए ग्रैविटेशनल लेंस नाम की विशेष तकनीक अपनायी. इसके जरिये देखा जाता है कि किसी ग्रह के सामने से विशाल पिंड गुजरने के दौरान क्या होता है.
उसके पास वाले पिंड थोड़ा झुक जाते हैं और वहां से रोशनी फ़ूट पड़ती है. इन खास दूरबीनों के लेंस करीब छह फ़ुट लंबे होते हैं. कहा जाता है कि आकाशगंगा में 200 अरब ग्रह हैं. अगर ऐसा है तो इन ग्रहों को मिला कर कुल 400 अरब ग्रह हो सकते हैं.
पिछले दो वर्ष में 10 ऐसे ग्रहों का पता लगाया गया है, जो अपने निकटतम सूर्य से काफ़ी दूर हैं. वैज्ञानिकों ने इन ग्रहों की जानकारी हासिल करने के लिए ग्रैविटेशनल लेंस नाम की विशेष तकनीक अपनायी. इसके जरिये देखा जाता है कि किसी ग्रह के सामने से विशाल पिंड गुजरने के दौरान क्या होता है.
उसके पास वाले पिंड थोड़ा झुक जाते हैं और वहां से रोशनी फ़ूट पड़ती है. इन खास दूरबीनों के लेंस करीब छह फ़ुट लंबे होते हैं. कहा जाता है कि आकाशगंगा में 200 अरब ग्रह हैं. अगर ऐसा है तो इन ग्रहों को मिला कर कुल 400 अरब ग्रह हो सकते हैं.
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