मान
लीजिये आपके पास 50,000 रुपये की पूंजी है, और आप इस निर्णय पर पहुँचे हैं
कि शेयर बाजार में निवेश कर के इस पूंजी से अच्छा लाभ कमाया जा सकता है.
किंतु आपको शेयर बाजार के विषय में पर्याप्त जानकारी नहीं है. तो आप इसके
लिए एक अन्य व्यक्ति अमर से संपर्क करते हैं. अमर आपको बताता है कि शेयर
बाजार में पूंजी लगाने में जोखिम भी है. आप लाभ कमाने की जगह हानि भी उठा
सकते हैं. हानि से बचने के लिए पूंजी को कई तरह के शेयरों में वितरित करके
रखना चाहिए. पूरी पूंजी एक साथ न लगा कर एक हिस्सा ऐसे समय के लिए बचा कर
रखना चाहिए जब की शेयर बाजार में गिरावट हो. ठीक समय पर लाभ को निकाल भी
लेना चाहिए. बाजार में सही वितरण के लिए एक साथ बीसियों कंपनियों के शेयरों
में धन लगाना पड़ सकता है, और बड़ी तथा भरोसेमंद कंपनियों के एक शेयर की
कीमत 3000 रुपये या उससे भी अधिक हो सकती है. ऐसे में 50,000 रुपये की
पूंजी पर्याप्त नहीं है. तथा यदि आप किसी विशेषज्ञ की सेवाएँ लेते हैं तो
50,000 की पूंजी पर होने वाले लाभ से उसकी फीस चुकाना भी संभव नहीं होगा.
अब आपके सामने दो प्रमुख समस्याएँ हैं.फंड मैनेजर और निवेशकों के बीच यह तय हुआ है कि इस पूंजी को विभिन्न सेक्टर की बड़ी कंपनियों के शेयरों में ही लगाना है. तो यह एक Largecap Diversified Equity Fund है. साथ ही 10 लोग ऐसे हैं जो यह चाहते हैं कि Fand Manager जब चाहे तब लाभ में से एक हिस्सा Dividend के रूप में वापस कर सकता है. ऐसे लोग Dividend Option का चुनाव करते हैं. शेष 10 लोग चाहते हैं कि उनका लाभ भी फंड में निवेशित ही रहे, तो ऐसे लोग Growth Option का चुनाव करते हैं.
मान लीजिए लगभग एक वर्ष की अवधि में आपका Fund लाभ कमाने के कारण बढ़ कर 12.40 लाख हो जाता है. इसमें से आप 40 हज़ार रुपए Fund Manager की फीस एवं टैक्स जैसी अन्य चीज़ों में खर्च कर देते हैं. शेष 12 लाख रुपये fund का Net Corpus है. निवेशकों में जारी यूनिटों की संख्या 1 लाख है तो इस समय Fund की NAV 12 रुपये (12 लाख/1 लाख=12) हो गयी. प्रत्येक निवेशक की 5000 Unit का मूल्य अब 60 हज़ार रुपये (5000*12=60,000) हो गया है.
फंड मैनेजर यह तय करता है कि वह एक Unit पर 1 रुपया Dividend के रूप में देगा. यूनिट की Face Value (शुरूआती मूल्य) 10 रुपये थी तो 1 रुपये के Dividend को 10% Dividend कहा जायेगा. Dividend का प्रतिशत हमेशा Unit की फेस वैल्यू के अनुसार ही निकाला जाता है, चाहे उसकी वर्तमान एन ए वी कुछ भी हो. चूँकि हमारे उदाहरण में 10 निवेशकों ने Dividend Option का चुनाव किया था तो इस Option में कुल 50,000 Units हैं. 1 रुपया प्रति Unit की दर से Fund Manager 50 हज़ार रुपये 10 निवेशकों में वितरित कर देता है. Dividend Option के प्रत्येक निवेशक को 5000 रुपये प्राप्त होते हैं. Dividend Option के निवेशकों के लिए अब एन ए वी भी घट कर 11 रुपये रह जाएगी, जिसे Ex Dividend NAV (डिविडेंड के उपरांत की एन ए वी) कहा जाएगा. जब कि Growth Option के निवेशकों के लिए NAV अभी भी 12 रुपये है. तो अब 50 हज़ार Units Growth Option के निवेशकों के पास हैं जिनका मूल्य 6 लाख रुपये (50,000*12=6,00,000) है तथा 50 हज़ार Units Dividend Option के निवेशकों के पास हैं जिनका मूल्य 5.50 लाख रुपये (50,000*11=5,50,000) है. इस प्रकार कुल 1 लाख यूनिट का मूल्य 11.50 लाख रुपये (6 लाख+5.50 लाख=11.50 लाख) है. जब कि Fund Manager के पास भी 11.50 लाख रुपये (12 लाख-50 हज़ार=11.50 लाख) हैं.
उपरोक्त फंड में यदि यह सुविधा है कि कोई भी निवेशक जब चाहे अपनी कुछ या समस्त Units बेच कर धन प्राप्त कर सकता है तथा कोई पुराना अथवा नया निवेशक जब भी चाहे वर्तमान NAV पर धन लगा कर निवेश कर सकता है तो यह एक Open Ended Fund है. किंतु यदि यह शर्त है कि धन केवल Fund के बनाए जाने के समय 10 रुपये की NAV पर ही लगाया जा सकता है तथा एक पूर्व निर्धारित समय से पहले नहीं निकाला जा सकता है तो यह एक Closed Ended Fund है.
वैधानिक स्वरूप: