http://navbharattimes.indiatimes.com/photo.cms?photoid=46392258
सोनी ने बिना किसी शोरगुल के एक्सपीरिया E4G लॉन्च कर दिया है
जो कि एक्सपीरिया E का ही 4G वेरियंट है।
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सोनी ने बिना किसी शोरगुल के एक्सपीरिया E4G लॉन्च कर दिया है
जो कि एक्सपीरिया E का ही 4G वेरियंट है।
टीम इंडिया क्वॉर्टर फाइनल में बांग्लादेश पर 109 रन से जोरदार जीत के
साथ सेमीफाइनल में पहुंच गई है और इंडियन फैंस जीत का जश्न मना रहे हैं
लेकिन बांग्लादेश में कल के मैच में अंपायर के फैसलों पर सवाल उठाते हुए फैंस
ने विरोध प्रदर्शन किया और अब तो आईसीसी के प्रेजिडेंट मुस्तफा कमाल
ने इस बात की आशंका जताई है कि क्वॉर्टर फाइनल में भारत को फायदा
पहुंचाने के लिए गलत अंपायरिंग का सहारा लिया गया। कमाल का कहना
है कि अंपायर ने एक के बाद एक सारे फैसले बांग्लादेश के खिलाफ सुनाए।
कमाल बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष हैं।
मुस्तफा ने कहा कि कल के मैच में कई गलत फैसले लिए गए और ये सारे फैसले
बांग्लादेश के खिलाफ लिए गए। उन्होंने कहा कि भारत के पक्ष में
अंपायरों ने 12 फैसले सुनाए और उनका मानना है कि हो सकता है कि ऐसा
टीम इंडिया को जिताने की कोशिशों के तहत किया गया हो। मुस्तफा
का कहना है कि अंपायर के गलत फैसले इस मैच को लेकर शक पैदा करते हैं।
खबर पढ़ेंः अब बांग्लादेशी फैन्स कहेंगे, अंपायर ने हराया
मुस्तफा ने एक और बात पर नाराजगी जताते हुए कहा कि स्क्रीन पर लिख
दिया गया था कि मैच भारत जीतेगा। उन्होंने इस बात की आईसीसी के
सीईओ से शिकायत भी की लेकिन कुछ नहीं हुआ है। मुस्तफा ने कहा है कि
वह इस मुद्दे को आईसीसी के सामने उठाएंगे।
पढें: बांग्लादेश की हार पर फूटा फैंस का गुस्सा
गुरुवार को भारत-बांग्लादेश के बीच खेले गए क्वॉर्टर फाइनल में दो फैसलों
को लेकर काफी विवाद रहा। पहले नर्वस नाइनटीज में खेल रहे रोहित
शर्मा को कैच आउट होने पर अंपायर इयान गुड ने उस गेंद को नो बॉल करार
दिया जोकि कमर से बमुश्किल जरा सा ऊपर रही होगी। इस फैसले के बाद
रोहित ने न सिर्फ सेंचुरी बनाई बल्कि 137 रनों की पारी खेलते हुए भारत
को बड़े स्कोर तक भी पहुंचा दिया।
दूसरा विवादित फैसला बांग्लादेश की पारी के दौरान आया। शिखर
धवन ने बाउंड्री लाइन पर महमदुल्लाह का जो कैच पकड़ा उसे लेकर भी
बांग्लादेश फैंस के मन में संदेह था। हालांकि महमदुल्लाह को आउट थर्ड
अंपायर धवन के उस कैच की जांच के बाद दिया था।
अगर आप अपने मोबाइल 3जी कनेक्शन्स पर पैसा बचाना शुरू कर दें तो
काफी हद तक पैसा बचा सकते हैं। कई सारे प्रीपेड मोबाइल डेटा प्लान्स
एक प्रीसेट डेटा लिमिट के साथ आते हैं। अगर आपने इनकी तरफ लापरवाही
बरती तो आप अपना सारा बैलेंस गंवा बैठेंगे।
आपके प्लान के मुताबहिक अगर आपके पोस्टपेड प्लान पर मंथली डेटा का
कोटा जरा ऊपर चला गया, तो आपको एक्स्ट्रा चार्ज भी किया जा
सकता है। आसपास बढ़ते स्मार्टफोन्स के दौर में, तेज़ होती सोशल
नेटवर्किंग, गेमिंग, ऑडियो-विडियो स्ट्रीमिंग और ऐसे ऐप्स जिनमें
कॉन्सटेंट डेटा कनेक्टिविटी चाहिए, बिल का पहाड़ खड़ा कर देते हैं।
घर के ब्रॉडबैंड कनेक्शन्स की तो कहानी ही जुदा है। सभी ब्रॉडबैंड
प्लान्स एक स्पेसिफाइड डेटा लिमिट या FUP (फेयर यूज पॉलिसी) के
साथ आते हैं। FUP जितनी इजाज़त देती है, उससे ज्यादा का इस्तेमाल
आपकी स्पीड को 256 केबीपीएस पर ला खड़ा करेगा।
डेटा तो जितने की जरूरत आमतौर पर पड़ती है उतना लगेगा ही, लेकिन डेटा
यूज को ट्रैक किया जा सकता है, डेटा खाने वाली ऐप्स को पहचाना जा
सकता है और अलार्म्स सेट किये जा सकते हैं। अगर आपको चाहिए एक
दमदार ट्रैकर तो करण बजाज और हितेश राज भगत के बताए इन ऑप्शन्स पर
सोच सकते हैं