Thursday, March 5, 2015

Videocon Telecom to launch 4G services in UP (E) , UP(W) and Bihar

Videocon Telecom has announced that it will
roll out 4G services based on LTE FDD
technology in 29 cities across UP-East, UP-
West and Bihar circles. Videocon Telecom
holds 5 Mhz spectrum in 1800 Mhz band
and plans to focus on data services to gain
market share. According to the company it
will be the first telco to offer 4G LTT FDD
services on 1800 Mhz in the country with
digital voice. It has plans to invest over Rs
1200 Cr in next 3 years for 4G rollout in 29
cities across these 3 circles. It will be
rolling out 6 cities in phase 1, 12 cities in
phase 2 and another 11 cities on phase 3
covering the key potential cities across
these circles. Videocom Telecom has
employed Deloitte as their consulting partner
and Huawei & NSN as their technology
partner, who are also telco’s partners in their
existing operations. It is planning to offer
4G data at 2G/3G rates to encourage early
adoption, and will be offering bundled
devices as well.
Speaking about the
announcement, Arvind
Bali, Director & CEO,
Videocon Telecom said,
Mobile telephony is now
over 20 years old now in
the country, with still
predominantly Voice play.
Having lost the momentum
that we built in 2010, we
re-entered the industry
just 2 years back. The
voice market is already
skimmed, with the
incumbents in a
dominating position
having acquired a sizeable
base of stable, loyal and
high usage subscribers.
Given the market
dynamics, it doesn’t make
sense for a new Telco to
compete in the voice
domain with ever
shrinking margins & high
cost.

Sunday, March 1, 2015

ऑनलाइन मतदान कराने की तैयारी में चुनाव आयोग

मतदाता पहचान पत्र को जल्दी ही आधार
कार्ड के साथ जोड़ा जाएगा। चुनाव आयोग ने इसके एलान के साथ
ही जल्दी ही ऑनलाइन मतदान की प्रक्रिया शुरू करने को अगला कदम
बताया। आयोग का कहना है कि एक बार मतदाता सूची को पूरी तरह
सही कर लेने के बाद आयोग इसकी ओर आगे बढ़ सकता है।
मुख्य चुनाव आयुक्त एचएस ब्रह्मा ने शुक्रवार को इस बारे में पूछे गए सवाल
पर कहा, ‘हमें इसके लिए जरूरी धन, ढांचागत सुविधाओं और कुछ प्रशिक्षण
की जरूरत होगी। इंटरनेट के जरिए वोटिंग का प्रावधान
किया जा सकता है।’ हालांकि, एक दिन पहले ही कानून मंत्री सदानंद
गौड़ा ने संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा था कि इंटरनेट के जरिए
वोटिंग की व्यवस्था शुरू करने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है।
आधार से जुड़ेगा वोटर आइडी
वोटर आइडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़े जाने की तैयारी है। चुनाव
आयोग ने मतदाता सूची में मौजूद फर्जी नामों को हटाने के इरादे से यह
अभियान शुरू किया। जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं होगा,
मतदान का अधिकार उनको भी होगा। मगर ऐसे लोगों का आयोग विशेष
तौर पर सत्यापन करेगा।
आधार दूर करेगा फर्जी वोटर
उन्होंने माना कि इस समय मतदाता सूची में 10 से 12 फीसद नाम गलत
हो सकते हैं। यहां तक कि एक शहर में तो 42 फीसद नाम गलत पाए गए।
लेकिन, उनका दावा है कि मतदाता पहचान को आधार कार्ड से जोड़कर
समस्या को दूर किया जा सकता है। मौजूदा मतदाताओं में से 50 करोड़ के
पास आधार नंबर हैं।
15 अगस्त से सूची शुद्धीकरण
चुनाव आयोग मतदाता सूची का पूरी तरह शुद्धीकरण करना चाहता है।
इसके लिए तीन मार्च से 15 अगस्त तक विशेष तौर पर ‘राष्ट्रीय
मतदाता सूची शुद्धीकरण और सत्यापन कार्यक्रम’ चलाएगा। पहले चरण में
मतदाताओं से अपील की जाएगी कि वे स्वयं सुनिश्चित करें कि एक से
ज्यादा जगह पर उनके नाम नहीं हों। नाम हटाने के आवेदनों पर 15 दिन में
कार्रवाई होगी।

बजट 2015 जेटली ने इनकम टैक्स स्लैब में नहीं किया बदलाव

नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इनकम टैक्स में कोई बदलाव
नहीं किया है, मौजूदा टैक्स छूट बरकरार रहेगी। कॉर्पोरेट टैक्स 30
प्रतिशत से कम करके 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया है।
हालांकि वित्त मंत्री ने अमीरों की जेब ढीली करने की योजना बनाई है।
जिनकी आमदनी एक करोड़ से ऊपर है, उन पर 2 प्रतिशत सेस लगाया गया है।
अब एक लाख रुपये से ऊपर की खरीद पर पैन नंबर भी जरूरी कर दिया गया हे।
काला धन संबंधी सूचना छिपाने पर 10 साल तक की जेल हो सकती है।
टैक्स चोरों के लिए 10 साल की कड़ी सजा। घरेलू काला धन पर रोक के
लिए बेनामी लेन-देन (निषेध) विधेयक होगा। सरचार्ज को 10 फीसदी से
बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया है। सर्विस टैक्स 12.36 प्रतिशत से बढ़ाकर
14 प्रतिशत कर दिया गया है।
भारत के पहले वित्त मंत्री आर. के शनमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947
को स्वतंत्र भारत का पहला बजट पेश किया था। तब से अब तक जब भी आम
बजट पेश होता है, तो आम लोगों की नजर सबसे ज्यादा इनकम टैक्स स्लैब पर
टिकी होती हैं। लोग जानना चाहते हैं कि वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स में
कुछ छूट दी या नहीं। लेकिन इस बार वित्त मंत्री ने मध्यमवर्गीय कर
दाताओं को निराश किया है।
हालांकि एनडीए सरकार ने इससे पहले पेश किए गए अंतरिम बजट में आयकर
दाताओं को टैक्स में छूट का ऐलान किया था। मोदी सरकार ने आम
करदाता को टैक्स में 50 हजार रुपये की छूट दी थी। इससे पहले से मौजूद कर
छूट सीमा दो लाख से बढ़कर ढाई लाख हो गई। सीनियर सिटिजन के लिए
कर छूट की सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर 3 लाख कर दी गई। वहीं सेक्शन 80
सी के तहत निवेश पर मिलने वाली कर छूट की सीमा एक लाख से बढ़ाकर
डेढ़ लाख कर दी गई।
वित्त मंत्री पी चिंदबरम ने फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया था।
लोकसभा चुनाव से पहले पेश हुए इस बजट से लोग कई उम्मीदें लगाए बैठे थे।
लेकिन बजट में चिदंबरम ने कर दाताओं को निराश किया। चुनावी बजट के
चलते ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि सरकार टैक्स स्लैब में बढ़ोतरी कर
सकती है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। वहीं चिंदबरम ने साल 2013-14 के
आम बजट में भी इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया था। टैक्स स्लैब
2 लाख रुपये ही रखा गया था। लेकिन प्रतिवर्ष एक करोड़ रुपये से
ज्यादा आयवालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया गया था।