आखिर इस देश मे पत्रकारिता के दोगले मापदंड क्यों है ? जब बरखा दत्त अफगानिस्तान जाकर तालिबान के बड़े नेताओ का इंटरव्यू लेती है तब उनकी तारीफ की जाती है .. लेकिन लोकतांत्रिक तरीके से तीन बार चुने गए एक राज्य मे मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू लेने पर नई दुनिया के सम्पादक को समाजवादी पार्टी बाहर का रास्ता दिखा देती है ? क्या मोदी जी को अपनी बात भी रखने का इस देश मे हक नही है ? भारत की कौन सी अदालत कौन सा आयोग है जिसने मोदी जी पर सवाल उठाया है ? आज आसाम का कांग्रेस का ही मुख्यमंत्री केन्द्र की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगता है की मैंने अतिरिक्त सुरक्षा बल और सेना की मांग की तो केन्द्र ने भेजने मे १२ दिन क्यों लगाये ? जबकि मोदी जी ने तुरंत ही सेना बुलाकर पूरे गुजरात को सेना के हवाले कर दिया था .. और केन्द्र ने केपीएस गिल को विशेष डीजीपी बनाकर उन्हें सीधे केन्द्र को रिपोर्ट करने का आदेश दिया .. फिर भी नीच मीडिया मोदी जी पर आरोप क्यों लगती है ? लोग गुजरात दंगो की बात करते है लेकिन साबरमती ट्रेन के जलाने की बात क्यों नही करते ? मित्रों, इस देश की मीडिया और राजनितिक पार्टियो के दोगलेपन का अब इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है जब मोदी जी का इंटरव्यू लेने पर नई दुनिया उर्दू के सम्पादक जो सपा नेता भी है उनको सपा ने पार्टी से निकाल दिया | मित्रों, जब मुस्लिम लीग जैसी घोर साम्प्रदायिक पार्टी जिसके चुनाव घोषणा पत्र और सम्विधान मे लिखा है कि मुस्लिम लीग भारत को इस्लामिक देश बनाएगी .. उसके २ सांसद केरल से चुनकर आये है और कांग्रेस उनकी मदद लेकर केरल और केन्द्र की सरकार चला रही है .. तब मीडिया इस मुद्दे पर कोई बहस क्यों नही करती ? इस देश मे एलडीएफ, यूडीएफ, पीसीआरएफ, जैसी कट्टर इस्लामिक राजनितिक पार्टीयों का रजिस्ट्रेशन हो जाता है जिनका पहला ही उद्देश्य भारत को इस्लामिक देश बनाना है तब कोई इस पर आपत्ति नही करता ? मित्रों, इसके पहले सेना के एक मेजर जनरल ने मोदी जी की तारीफ की थी . तो रक्षामंत्रालय ने उनको बकायदा नोटिस देकर पूछा था कि आपने मोदी जी की तारीफ क्यों की ? मित्रों, पूरी सेना इस नोटिस से दंग रह गयी क्योकि सेना के मैनुअल मे ये कहीं नही लिखा है की किसी राज्य के मुख्यमंत्री की तारीफ करना मना है | और वो ऐसे मुख्यमंत्री का जिसने गुजरात की सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवानो के सुविधा के लिए बहुत कुछ काम किया और कई बार सीमा का दौरा करने जवानो से उनकी समस्याओं के बारे मे जानकारी ली .. मजे की बात ये है की बीएसएफ केन्द्र सरकार के अंतर्गत आती है | मित्रों, उस मेजर जनरल को मोदी जी की तारीफ इतनी महंगी पडेगी उन्होंने सपने मे भी सोचा नही था | रक्षामन्त्रालय ने उनकी पूरी सीआर खराब कर दी और उनके सर्विस मैनुअल के कई जगह प्रतिकूल टिप्पणियाँ डाल दी गयी .. जिससे उनका प्रोमोशन नही हो सका | जब कोई सिक्खो के हत्यारे राजीव गाँधी की शान मे कसीदे पढता है तब उस पर आपत्ति क्यों नही दर्ज की जाती है ? जब प्रणव मुखजी राष्ट्रपति बनने के बाद भारत के सबबसे बड़े हत्यारे जिसने पूरी सरकारी मशीनरी लगाकर सिख्खो का कत्लेआम करवाया जिसने बोफोर्स घोटाले को अंजाम दिया उसकी समाधि पर जाते है तब उनसे कोई इस बात की सफाई क्यों नही मांगता है की एक हत्यारे की समाधि पर आप क्यों गए ? किसी भी पत्रकार ने लिए उसका पत्रकारिता का धर्म निभाना फर्ज होता है, और पत्रकारिता के पेशे मे किसी का भी इंटरव्यू लेना उसके पेशे के मूल भावना से जुड़ा है . कोई भी पत्रकार किसी के इंटरव्यू लेने मे पूर्वाग्रह की मानसिकता से ग्रसित होकर अगर इंटरव्यू लेता है तो ये गलत है | मित्रों, शाहिद सिद्दकी ने जब मोदी जी का इंटरव्यू लिया था तब मोदी जी ने एक शर्त रखी थी और शाहिद सिद्दकी ने भी एक शर्त रखी थी | मोदी जी ने शर्त रखी थी की आप मेरी बात मे कोई भी तोड़मरोड़ नही करेंगे मै जो जबाब दूँगा आप उसमे एक शब्द भी अपनी तरफ ने नही जोडेंगे आपको इसके लिए वाइस रिकार्डर लाना होगा और मेरे एक एक शब्द को ठीक उसी रूप मे छापना होगा | शाहिद सिद्दकी ने शर्त रखी थी की मै आपके अपने सवालों का पहले से लिस्ट नही दूँगा जो अमूमन हर नेता मांगते है . और मै आपसे हर मुद्दे पर सवाल करूँगा और आपको उनका जबाब देना होगा | दोनों पक्ष एक दूसरे की मांग पर सहमत हो गए और दोनों ने एक दूसरे को दिये गए वायदे को निभाया भी | शाहिद सिद्दकी ने मोदी जी के हर जबाब को उसी रूप मे छापा जबकि टीवी चैनेल मोदी जी के हर जबाब को अपनी तरफ से तोड़मरोड़कर पेश करते है | और मोदी जी ने भी शाहिद सिद्दिकी को तय समय से र्क घंटा ज्यादा समय दिया और उनके एक एक सवालों का चाहे वो तीखे ही यों न हो जबाब दिया | मित्रों, कुछ समय पहले कोयम्बटूर बम ब्लास्ट का मुख्य आरोपी अब्दुल नजीर मदनी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषी पाया है और आजीवन कारावास की सजा सुनाई है जिसने १३० लोगो की जान ली है और उसके पहले केरल मे उसे बीस मामलो मे सजा हो चुकी है उससे कांग्रेस के पांच सांसद जेल मे मिलने गए थे .. तब कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से क्यों नही निकाला ? जब केरल की विधानसभा मे कांग्रेस, मुस्लिम लीग , एलडीएल, डेमोक्रेटिक मुस्लिम फ्रंट , सीपीएम, और सीपीआई जैसी राजनितिक पार्टिया अब्दुल नजीर मदनी की सजा को माफ़ करने का प्रस्ताव पास करके उसे राष्ट्रपति के पास भेजती है तब कोई इस पर सवाल क्यों नही उठता ? मेरे हिंदू मित्रों, अब तो जागो .. किसी भी दोगले नेता के जातिवाद के जहर के बहकावे मे मत आओ | आसाम के हालत देखो, केरल , और कश्मीर के हालात देखो आज हिन्दुओ का इन राज्यों मे क्या हाल है ? इन राज्यों मे कोई जाकर मुसलमानों को धर्मनिरपेक्षता का ककहरा क्यों नही पढता ?
— with विवेक उपाध्याय, Kamlesh Mali, प्रदीप दीक्षित, Bhola Omer, अन्याय के खिलाफ़ भारत, Shivdeep Singh, Rastra Bhakt, Kishan Kumar Jha, Brijesh Patel, Er Nikunj Patel, Amrendra Pal, Yogita Singh, Yuva Bjp Porbandar, Yogesh Saroya, Sanjay Yadav, Vishal Mehta, Jayram Viplav, Shailesh Wadekar, Fakirbhai Vaghela, Jitesh Patel, Jitu S Vaghani, Piyush Fofandi, Harjit Singh, Rameshwar Arya, Ranjit Keshwala, Rajvir R Chavda, Ratnesh Tripathi, Rajesh Chaurasia, Rohan Agrawal, Rameshwar Parkash, Hemendra Gupta, Ritesh Dharsandia, Dhrumil Patel II, Shailesh Vyas, Dabhi Sanju, Rahul Singh, Poornima S. Dubey, Rajesh Soni, Sachin Tripathi, Tripti Shrivastava, Mihir Soneji, Soni Singhal, Swati Kurundwadkar, Dilip Soni, Subhash Chandra, Kamal Sharma, Vandana Gupta, Jitubhai Pandya, Priti Bhatt, Suresh Chiplunkar and Deepika Gupta.
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Sunday, July 29, 2012
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इस देश को बर्बाद करके रहेंगे ये साम्प्रदायिक लोग बोले तो मुस्लिम परस्त नेता,
ReplyDeleteजब तक इस देश का अफगानिस्तान या पाकिस्तान जैसा हाल ना हो जाए तब तक यहाँ के लोग भी नहीं मानने वाले है