जय जय बजरंगी महावीर-हे संकटमोचन हरो पीर
अतुलित बलशाली तव काया ---- गति पिता पवन का अपनाया
शंकर से देवी गुन पाया --------------शिव पवन पूत हे धीर वीर -
जय जय बजरंगी महावीर
दुखभंजन सबके दुःख हरते -----------आरात्जन की सेवा करते,
पलभर बिलम्ब नाही करते ----- -जब जब भगतन पर पड़े भीर
जय जय बजरंगी महावीर
जब जामवंत ने ज्ञान दिया -- -सिय खोजन तूम स्वीकार किया
सत योजन सागर पार किया ------- -देखा जब रघुबंरको अधीर
जय जय बजरंगी महावीर
शठ रावण त्रास दिया सिय को , भयभीत भई मईया जिय सो .
मांगी कर जोर अगन तरु सो -------- -दे मुदरी माँ को दियो धीर
जय जय बजरंगी महाबीर
लागा लछमन को शक्ति बान --- -अति दुखी हुए तब बन्धु राम
कपि तुम साचे सेवक समान ------------लाये बूटी मय द्रोंनगीर
जय जय बजरंगी महावीर
हम पर भी कृपा करो देवा --------दो भक्ति-दान सबको देवा
है पास न अपने फल मेवा -------- स्वीकारो स्वामी नयन नीर
जय जय बजरंगी महाबीर हे संकटमोचन हरो
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