Sunday, July 31, 2011


THURSDAY, JUNE 30, 2011

कुछ लोग कहते हैं" साधू संतो को राजनीती में दखल नहीं देना चाहिए, ये उनका काम नहीं है"

उत्तर :   परम पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज के हमलो से कांग्रेसी तिलमिला उठे है, और साधू संतो को राजनीती में दखल नहीं देना चाहिए, ये उनका काम नहीं है आदि आदि अनर्गल बाते कह रहे हैं | 
सत्ता या राजनैतिक दलो से जुड़े इन तर्कवीरो को शायद इतिहास का ज्ञान नहीं है भारतीय इतिहास में कल्याणकारी व्यवस्था को स्थापित करने में साधू-समाज की भूमिका न केवल वैचारिक अपितु योद्धा की भी रही है | इतिहास गवाह है जब भी असुरी शक्तियों ने उत्पात मचाया है, जनता के धन को खाया है, अत्याचार किये है, दमन चक्र चलाया है, तब-तब कोई न कोई साधू संत परशुराम की तरह फरसा ले कर मानव कल्याण के लिए आगे आया है |
इतिहास पर नजर दौडाए तो स्वामी दयानंद के शिष्य श्रद्धानंद का अंग्रेजी हुकूमत से टकराना साधू-धर्म के साथ-साथ देश-धर्म के लिए मर-मिटने का यदि मानक उदाहरण है तो स्वामी विवेकानंद का 'दरिद्रनारायण' की स्थापनार्थ किया गया कर्म, साधू-धर्म का पालन करते हुए देश-धर्म का निर्वाह और शोषित-दलित वर्ग को जागृत करने का अनूठा प्रयास था | स्वामी विवेकनद जी व्यक्तित्व,विचारो और क्रांतिकारी दर्शन का प्रभाव सुभाषचंद्र बोस के रूप में दिखाई देता है, जिन्होंने अंग्रेजी साम्राज्य में आंखिरी किल ठोकी |
चार्वाक, चाणक्य , अगस्त्य मुनि, गुरु गोरखनाथ, कबीर, ईसा मसीह, गौतम बुद्ध ने साधुकर्म के साथ-साथ देश-धर्म और मानव-धर्म का भी पालन किया |
'जासु राज प्रिय प्रजा दुखारी, सो नृप होय नरक अधिकारी' कहकर संत तुलसीदास ने भी निरंकुश और अत्याचारी शासको का विरोध किया |वही भक्ति धर्म को निबाहते हुए बिहारी ने तात्कालिक शासको का विरोध किया था | भ्रत्प्रहरी ने तो साधू-धर्म के साथ-साथ राज-धर्म को भी संचालित किया था |सिक्खों के प्रथम गुरु नानक ने बाबर जैसे क्रूर और अत्याचारी की अनीतियो का विरोध कर समाज में फैले विमानस्य के बिच सदभाव के सन्देश दिए |
गुरु हरिराय ने औरंगजेब को सबक सिखाया गुरु तेग बहादुर ने औरंगजेब की क्रूरता का मुखरता से विरोध किया | गुरु गोविन्द सिंह ने ईश्वरीय भक्ति के साथ ही तत्कालीन अत्याचारी शासको से युद्ध करने में भी नहीं चुके | खालसा पंथ के संस्थापक गुरूजी ने मुगलों से लोहा लिया और सत्ता से टकराने के जज्बे में अपने चार पुत्र का बलिदान भी दिया था ,उनके शिष्य बन्दा बैरागी भी जालिम शासको से युद्ध करते हुए शहीद हुए |
यहाँ कहने का आशय यह है की जब-जब सत्ताधीश निरंकुश हुए है तब-तब साधू और संतो ने भी योग-धर्म, गुरु-धर्म, साधू-धर्म का पालन करने के साथ ही राष्ट्र-धर्म का भी निर्वहन करने में कोई हिचक महसूस नहीं की | अत: स्वामी रामदेव जी को राजनीति पर ना बोलने और उनका विरोध करने वालो को इतिहास के पन्नो पर भी जाना चाहिए |

MONDAY, JUNE 27, 2011

बाबा रामदेव 9 दिन के अनशन में ही कैसे थक गए

जो लोग कहते हैं की बाबा रामदेव 9 दिन के अनशन में थक गए वह पहले 9 महीने
तक 18-20 घंटे काम करके 100,000 km की यात्रा करके,10 करोड़ लोगों से
प्रत्यक्ष मिल कर, सरकार के लाठियों की बरसात, आधी रात को अपहरण, आसूं
धुएं और लात घूसों के सामने टिक कर दिखाएँ और फिर बात करें | इसके आलावा
आपकी जानकारी के लिए बता दे की स्वामी राम देव जी ने पिछले 15 सालो से
अन्न त्याग किया हुआ है . और वो केवल दिन में 2 समय फल व् 2 कटोरी सब्जी
ही खाते हैं और एक गिलास दूध लेते हैं | और वैसे भी सवेंदनहीन सरकार
के सामने अनशन करना भैस की आगे बीन बजने के सामान है | सरकार तो चाहती
ही थी की किसी तरह बाबा मर जाए तो हम बिना रोक टोक भ्रस्टाचार करते रहे

WEDNESDAY, JUNE 22, 2011

21) बाबा रामदेव ११००० लोगो की सेना क्यों बना रहे हैं?

उत्तर: ये राष्ट्र भक्त लोगो की आत्म रक्षा के लिए है | पुराने समय में जब ऋषि मनु तप और यज्ञ किया करते थे तब राम और लक्ष्मण जैसे योद्धा राक्षसों और बुरे लोगो से उनकी रक्षा करे थे. ये सेना दूसरों पर हमला करने के लिए नहीं अपितु आत्मा रक्षा के लिए होगी ( जो शान्ति पूरण अनशन पर बैठे होंगे) ! यह भी स्पस्ट है की यह सेना बन्दूक और गोले की शिक्षा नहीं लेगी बल्कि आत्म बल प्रयोग का अध्यन. मीडिया और कांग्रेस इसका गलत प्रचार कर रही है.

20 ) "बाबा के योग शिविरों की फीस इतनी ज्यादा होती है की कोई गरीब व्यक्ति उसमे नहीं जा सकता है "

उत्तर : ये सही है की शिविर में सभी जगह मुफ्त नहीं है  परन्तु इस फीस का इस्तेमाल भी जन सेवा के कार्यों के लिए ही होता है! ये स्वाभाविक है की जो ज्यादा पैसे देगा उसे उतना नजदीक स्थान प्राप्त होगा! परन्तु अगर आपके पास पैसे नहीं है तो भी चिंता करने की बात नहीं हैं क्योंकि योग शिविर में हमेशा मुफ्त प्रवेश भी होता है, इसके अलावा आप योग टीवी के माध्यम से देख और सीख सकते हैं क्योंकि सारे कार्यक्रम टीवी पर प्रसारित होते हैं. जबकि योग शिविर में भी लोग बाबा को दूर से अच्छी तरह से नहीं देख सकते और वहां पर बड़ी टीवी स्क्रीन लगी होती है जैसा हमें घर पर टीवी में दिखाई देता है.

19) बाबा चाहते हैं मल्टिनैशनल कंपनियों को बाहर कर दिया जाए। जिस विमान में वह उड़ते हैं , जो सैटेलाइट उनके टीवी चैनल को चलाता है , जो फोन वह इस्तेमाल करते हैं , सब मल्टिनैशनल कंपनियों ने बनाए हैं।

 उत्तर  :
यहाँ स्पष्ट कर देना जरुरी है की यहाँ केवल जीरो तकनीकी ( zero technology ) से बनी  स्वदेशीवस्तुओ के बारे में कहा जा रहा है . जैसे आचार, पापड़ , साबुन तेल शम्पू  टूथ पेस्ट आदि जिनको बनाने  में कोई विशेष तकनीकी की जरुरत  नहीं होती , जो छोटे छोटे लघु उद्ध्योग लगा कर आम आदमी भी रोजगार कमा सकता है . अगर ये जीरो तकनीकी का सामान भी विदेशी कंपनी आ कर बना कर बचेंगे तो छोटे छोटे उद्योग बंद हो जायंगे और आम आदमी का रोजगार चला जायगा . और मुनाफे का पैसा विदेशो  में चला जायगा .

18 ) संघ और बीजेपी अपना स्वार्थ पूरा करने के लिए स्वामी और हजारे को आगे कर रहे हैं। ये संघ के मुखौटे हैं।

उत्तर  :
जो भी संगठन रास्ट्र हित के मुद्दों को लेकर चिंतित है वो हमारा समर्थन कर रहे हैं इस मैं अनेक मुस्लिम संगठनों से लेकर , बीजेपी, RSS व् विभिन्न सामाजिक व् अध्यात्मिक संगठन शामिल है. जब आप बताते हैं के संघ इसमें शामिल है , तो ये भी बताये के अनेक राष्ट्र वादी मुस्लिम , जैन , सिख , बौध , आदि संगठन भी इसमें बाबा जी के सहयोगी है

17) राम लीला मैदान में 5 स्टार AC टेंट की क्या जरुरत थी

उत्तर  :
देश भर से जून के गर्मी में  आये लोगो के बैठने के लिए साधारण वाटर प्रूफ खुला हुआ पंडाल लगाया गया था .  जिसमे पंखे और कूलर लगे  हुआ थे . VVIP लोगो के लिए भी सिर्फ पंखे लगे थें .  आने वाले लोगों के लिए अस्थायी  तोर पर  शोचालये व् पीने के पानी का प्रबंध किया था .  AC केवल 40  बैड के  अस्थायी  ICU हॉस्पिटल मैं लगा हुआ था जहाँ किसी के बीमार होने पर इलाज किया जा सके . इतने से इंतजाम को 5 सितारा पंडाल कहना अनुचित है . बाकि सब अफवाह है

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