मिश्र धन ब्याज (कम्पाउंड इन्टेरेस्ट )
चलिए अब आगे चलते हैं ।compound interest की ओरइस प्रकार के बयाज में पहली ब्याज की अवधि समाप्त होने के बाद इस ब्याज को भी मूलधन में ही शामिल कर लिया जाता है ।फ़िर इसके ऊपर अगली अवधि के लिए ब्याज निकाला जाता है ।
उदाहरण :- यदि मैंने किसी से १०० रुपये १० % प्रतिवर्ष के ब्याज पर लिए हैं तो पहले वर्ष ब्याज १०० रुपये पर ही निकाला जायेगा ।एक वर्ष बाद १०० + १० (पहले वर्ष का ब्याज) यानी की ११० रुपये पर ब्याज निकाला जायेगा । यानी की अगले वर्ष के लिए मूलधन ११० रुपये होगा ।
इसके लिए सूत्र निम्नलिखित है
Amount = amount received after t periods including interest
P=Principal Amount
t=No of periods (e.g. years)
R=Rate of interest
बस यही बेसिक बात है इस प्रकार के ब्याज की ।अब आगली पोस्ट से हम प्रश्नों को हल करने का तरीका सीखेंगे।
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