Sunday, July 24, 2011

ॐ शब्द की व्युत्पत्ति के सन्दर्भ में विचार है कि ॐ शब्द अ, उ और म से बनता है । ये तीन शब्द तीन लोक – स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल; तीन देव – ब्रह्मा, विष्णु और महेश तथा तीन अवस्था – स्वप्न, जागृति और सुषुप्ति के द्योतक है । लेकिन जब पूरी तरह से ॐकार का ध्वनि निकलता है तो ये आपके तुरिय पद (तीनों से परे) को अभिव्यक्त करता है | श्री शिवमहिम्नस्तोत्र के अट्ठाइसवें श्लोक में इसके सन्दर्भ में कहा गया है --
"भवः शर्वो रुद्रः पशुपतिरथोग्रः सहमहां
स्तथां भीमशानाविति यदभिधानाष्टकमिदम् ।
अमुष्मिन्प्रत्येकं प्रवितरति देव श्रुतिरपि
प्रियायास्मै धाम्ने प्रणिहितनमस्योडस्मि भवते ॥"

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