Sunday, July 24, 2011

राशिफल की वास्‍तविकता क्‍या है ??

जहां एक ओर ज्‍योतिष को बहुत ही सूक्ष्‍म तौर पर गणना करने वाला शास्‍त्र माना जाता है , वहीं दूसरी ओर पूरी जनसंख्‍या को 12 भागों में बांटकर उनकी राशि के आधार पर राशिफल के रूप में भविष्‍यवाणी करने का प्रचलन भी है। राशिफल के द्वारा दुनियाभर के लोगों को 12 भागों में बांटकर उनके बारे में भविष्‍यवाणी करने का प्रयास आमजनों को भले ही नहीं जंचे , पर इसके वैज्ञानिक आधार की उपेक्षा नहीं की जा सकती। राशिफल की शुरूआत उस वक्‍त की मानी जा सकती है , जब आम लोगों के पास उनके जन्‍म विवरण न हुआ करते हों पर अपने भविष्‍य के बारे में जानने की कुछ इच्‍छा रहती हो। पंडितो द्वारा रखे गए नाम में से उनकी राशि को समझ पाना आसान था, इसलिए ज्‍योतिषियों ने उनकी राशि के आधार पर गोचर के ग्रहों को देखते हुए भविष्‍यवाणी करने की परंपरा शुरू की हो। चूकि प्राचीन काल में अधिकांश लोगों की जन्‍मकुंडलियां नहीं हुआ करती थी , इसलिए राशिफल की लोकप्रियता निरंतर बढती गयी।

'गत्‍यात्‍मक ज्‍यातिष' के हिसाब से चंद्र राशि या सूर्य राशि की तुलना में लग्‍न राशि के आधार पर की गयी मासिक , साप्‍ताहिक या दैनिक भविष्‍यवाणियां अधिक उपयोगी हो सकती है। राशि के आधार पर शुभ या अशुभ दिनों की चर्चा भले ही की जा सकती है , पर संदर्भों को तय करने में लग्‍न की भूमिका महत्‍वपूर्ण होती है , इसलिए विभिन्‍न संदर्भों की स्थिति को जानने के लिए अपना लग्‍न जानना आवश्‍यक होता है। इसलिए लग्‍न  के हिसाब से दुनियाभर के लोगों को 12 भागों में बांटा जा सकता है और उनके बारे में बहुत सारी बाते कही जा सकती हैं ,  भले ही उसमें स्तर , वातावरण , परिस्थिति और उसके जन्मकालीन ग्रहों के सापेक्ष कुछ अंतर हो। जैसे किसी विशेष समय में किसी राशि  के लिए लाभ एक मजदूर को 25-50 रुपए का और एक व्यवसायी को लाखों का लाभ दे सकता है।  

'गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष' मानता है कि भले ही किसी व्‍यक्ति के जन्‍मकालीन ग्रह उसके जीवन की एक रूप रेखा निश्चित कर देते हें , पर समय समय पर आनेवाले गोचर के ग्रह भी उसके दिलोदिमाग पर कम प्रभाव नहीं डालते। इसलिए यह राशिफल को भी सहज नहीं लेता , जहां यह राशिफल की जगह लग्‍नफल को अधिक महत्‍व देता है , ताकि राशिफल में सटीकता बनी रहे , वहीं इसमें गोचर के ग्रहों की गत्‍यात्‍मक और स्‍थैतिक शक्ति  का उपयोग राशिफल लिखने के लिए किया जाता है। यदि 2010 के वार्षिक लग्‍न राशिफल लिखना हो , तो सबसे पहले शनि की स्थिति को देखना आवश्‍यक है , क्‍यूंकि यह वर्षभर लगभग एक ही राशि में होता है। इसके बाद बृहस्‍पति की स्थिति तथा अन्‍य ग्रहों की स्थिति को देखते हुए जातक के लिए वर्षभर की परिस्थितियों का आकलन किया जाता है। महीनेभर की राशिफल लिखते वक्‍त महीनेभर के ग्रहों की स्थिति को ध्‍यान में रखा जा सकता है। इसी प्रकार प्रतिदिन के र‍ाशिफल के लिए प्रतिदिन की ग्रह स्थिति और विशेष घंटे के राशिफल के लिए विशेष घंटे की ग्रहस्थिति का ध्‍यान रखा जाता है।

जैसा कि पूर्व आलेख में भी बताया गया है कि परंपरागत ज्‍योतिष ग्रहों की स्थिति पर आधारित है , जबकि गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष ग्रहों की शक्ति पर आधारित है , इसलिए राशिफल की जानकारी के लिए यहां सभी ग्रहों की गत्‍यात्‍मक और स्‍थैतिक शक्ति का आकलन किया जाता है, इससे विभिन्‍न ग्रहों की विशेष क्रियाशीलता का पता चलता है , जिससे भविष्‍यवाणी को समययुक्‍त बनाया जा सकता है। ढाई वर्षों तक एक ही राशि में रहनेवाला शनि तथा वर्षभर एक ही राशि में बृहस्‍पति हर दिन प्रभावी नहीं होता , उसकी क्रियाशीलता का एक खास समय होता है , उसकी गणना हमारी भविष्‍यवाणियों को सटीक बनाती है।

वैसे तो लग्‍न राशिफल सामान्‍य लोगों के लिए ही लिखा जाता है , पर उसे जन्‍मकुंडली के सापेक्ष देखे जाने से यह अधिक सटीक हो सकता है। सामान्‍य लोगों के लिए लिखी गयी भविष्‍यवाणी में से कौन सी पंक्ति किस जातक के लिए अधिक प्रभावी होगी , इसे जातक की जन्‍मकुंडली देखकर समझा जा सकता है। विभिन्‍न ग्रहों की गत्‍यात्‍मक शक्ति के आधार पर सामान्‍य लोगों के लिए उससे संबंधित कई सामान्‍य पंक्तियां कही जा सकती हैं , जिनमें से कोई पंक्ति किसी के लिए अधिक प्रभावी तथा कोई पंक्ति किसी के लिए कम प्रभावी हो सकती है। पर जन्‍मकुंडली को देखने से यह सटीक ढंग से कहा जा सकता है कि जातक के लिए कौन सी पंक्ति अधिक या कम प्रभावी होगी। इसके लिए इस बात को ध्‍यान में रखा जाता है कि गोचर के ग्रहों की खास स्थिति जातक की जन्‍मकुंडली के अनुकूल है या प्रतिकूल  ?

1 comment:

  1. 'गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष' के बारे में जानकारी के लिए यहां क्लिक करें !!

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