लौकी का रस
लौकी जिसे अंग्रेजी में calabash कहते हैं, अत्यंत उपयोगी है। इसका लेटिन नाम lagnaria siceraria है। इसके वैसे तो कई उपयोग है, लेकिन यहाँ हम इसके रस की चर्चा करेंगे, जो हृदय रोगियों के लिए काफी फायदेमंद है। इसके नित्य सेवन से धमनियों में आई रुकावट दूर हो जाती है। हृदय को शक्ति मिलती है और कार्य करने की गति बढ़ती है।
निर्माण विधिः लौकी को कद्दू कस पर किस लें। किसी हुई लौकी में ८ तुलसी के पत्ते और ६ पत्ते पुदीना के मिला दें। अब इसे मिक्सर में पीस लें, छान कर थोड़ी पीसी काली मिर्च और सेंधा नमक मिला लें। रस की मात्रा १५० ग्राम होनी चाहिए, इसमें इतना ही पानी मिला कर खाली पेट पीएं। अगर भोजन के बाद पीना हो तो कम से कम ४५ मिनट बाद लेना चाहिए। इसे दिन में तीन बार तक लिया जा सकता है। हर बार ताजा रस ही लेना चाहिए, फ्रीज में रखा हुआ रस उतना गुणकारी नहीं होता। जिन्हें हृदय रोग नहीं है वे भी चाहें तो अपना सकते हैं।
निर्माण विधिः लौकी को कद्दू कस पर किस लें। किसी हुई लौकी में ८ तुलसी के पत्ते और ६ पत्ते पुदीना के मिला दें। अब इसे मिक्सर में पीस लें, छान कर थोड़ी पीसी काली मिर्च और सेंधा नमक मिला लें। रस की मात्रा १५० ग्राम होनी चाहिए, इसमें इतना ही पानी मिला कर खाली पेट पीएं। अगर भोजन के बाद पीना हो तो कम से कम ४५ मिनट बाद लेना चाहिए। इसे दिन में तीन बार तक लिया जा सकता है। हर बार ताजा रस ही लेना चाहिए, फ्रीज में रखा हुआ रस उतना गुणकारी नहीं होता। जिन्हें हृदय रोग नहीं है वे भी चाहें तो अपना सकते हैं।
No comments:
Post a Comment