Sunday, July 29, 2012

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सुभाष पार्क, दिल्ली - अकबराबादी मस्जिद कि सच्चाई

सुभाष पार्क मे मेट्रो की खुदाई करते समय यह किसी को भी पता नही था कि वह स्थल जिस पर डिग्गर चल रहे हैं वहां एक प्राचीन शिव मद्दिर था। किस तरह षडयंत्र करके कांग्रेस ने इसका मुस्लिम अकबराबादी नामकरण किया यह पता लगाने की जरूरत है। मजदूर प्रत्यक्षदर्शियो के अनुसार खुदाई मे एक शिव लिंग निकला जिसे कुछ लोग अपने साथ ले गये थे। किस तरह कुछ टूटे फुटे पुराने भाण्ड वहां छुपाये गये, वे कहां से लाये गये? यह सब एक बडा प्रश्न है। कांग्रेस इस तरह का काम षडयंत्र करके करती रही है। आश्चर्य यह है कि एक मुस्लिम नेता विधायक शोएब इकबाल ने मुसलमानो को रातो-रात इकट्ठा किया और वहां नमाज पढने का कार्यक्रम रख दिया गया। वहां कांग्रेस की देख रेख मे शोएब ने दो चार बार नमाज भी पढवाई जिसे साम्प्रदायिक रंग दिया गया।

यह मस्जिद अन्य मस्जिदो की तरह एक प्राचीन शिव मन्दिर को तोड कर बनवाया गया था। दिल्ली की शीला सरका तथा कांग्रेस का सेक्यूलर चरित्र यही है। जहां जहां हिन्दुओ के पवित्र स्थल थे वहा वहां मुसलमानो के अवशेष सुरक्षित रखे गये यह दिखाने के लिये वे हमारे देह-आत्मा-धर्म-संस्कृति सब पर विजयी थे। सुभाष पार्क स्थल की खुदायी के बाद जब वहां शिवलिंग का अवशेष मिला तो कांग्रेस ने इसे दबाने के लिये शिवलिंग को आननफानन मे लुप्त कर दिया है। सवाल यह है रात के अंधेरे मे इस शिवलिंग को शीला सरकार ने कहा दबाया? जब शिवमन्दिर स्थल पर शोएब नमाज पढवा रहा था तब सरकार तथा पुलिस क्या कर रही थी? यह सब सवाल विपक्षी दल भाजपा ने नहीं पूछा। हलाँकि विवादित स्थल को हाईकोर्ट के आदेश से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को सौप दिया गया है।

हाईकोर्ट ने अवशेषो के आधार पर पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को रिपोर्ट देने के लिये आदेश दिया है लेकिन यह संदेहात्मक है क्योकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग वैसा ही है जैसे ट्यूबवेल विभाग, इसके सर्वेक्षण वहुत सही नही रहे है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग आज तक इस बात का पता नही लगा पाई कि यदि ताज महल के भीतरी ढांचे जिसमे कब्र है को शिव मन्दिर के गर्भ गृह के उपर बनाया है तो किस तरह बनवाया गया था? भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की दूसरी बात यह है कि साठ सालो से यह हिन्दू संस्कृति तथा इतिहास के साथ खिलवाड करती रही है। यह कांग्रेस का इतिहास तथा सर्वेक्षण विभाग है जो शिवमन्दिर तथा विष्णुमन्दिर के भग्नावशेषो मे मस्जिद खोजता रहा है। खैर, इन सबके बीच शुभाष पार्क विवादित स्थल पर सब कुछ रूक गया है लेकिन शोएब को उस विवादित स्थल पर नमाज पढवाने तथा कुई निर्माणं करवाने के लिये अभी तक गिरप्तार नही किया गया है। कांग्रेस के इस सेक्यूलरिज्म को अब खत्म किया जाना चाहिये।
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सुभाष पार्क, दिल्ली - अकबराबादी मस्जिद कि सच्चाई

सुभाष पार्क मे मेट्रो की खुदाई करते समय यह किसी को भी पता नही था कि वह स्थल जिस पर डिग्गर चल रहे हैं वहां एक प्राचीन शिव मद्दिर था। किस तरह षडयंत्र करके कांग्रेस ने इसका मुस्लिम अकबराबादी नामकरण किया यह पता लगाने की जरूरत है। मजदूर प्रत्यक्षदर्शियो के अनुसार खुदाई मे एक शिव लिंग निकला जिसे कुछ लोग अपने साथ ले गये थे। किस तरह कुछ टूटे फुटे पुराने भाण्ड वहां छुपाये गये, वे कहां से लाये गये? यह सब एक बडा प्रश्न है। कांग्रेस इस तरह का काम षडयंत्र करके करती रही है। आश्चर्य यह है कि एक मुस्लिम नेता विधायक शोएब इकबाल ने मुसलमानो को रातो-रात इकट्ठा किया और वहां नमाज पढने का कार्यक्रम रख दिया गया। वहां कांग्रेस की देख रेख मे शोएब ने दो चार बार नमाज भी पढवाई जिसे साम्प्रदायिक रंग दिया गया।

यह मस्जिद अन्य मस्जिदो की तरह एक प्राचीन शिव मन्दिर को तोड कर बनवाया गया था। दिल्ली की शीला सरका तथा कांग्रेस का सेक्यूलर चरित्र यही है। जहां जहां हिन्दुओ के पवित्र स्थल थे वहा वहां मुसलमानो के अवशेष सुरक्षित रखे गये यह दिखाने के लिये वे हमारे देह-आत्मा-धर्म-संस्कृति सब पर विजयी थे। सुभाष पार्क स्थल की खुदायी के बाद जब वहां शिवलिंग का अवशेष मिला तो कांग्रेस ने इसे दबाने के लिये शिवलिंग को आननफानन मे लुप्त कर दिया है। सवाल यह है रात के अंधेरे मे इस शिवलिंग को शीला सरकार ने कहा दबाया? जब शिवमन्दिर स्थल पर शोएब नमाज पढवा रहा था तब सरकार तथा पुलिस क्या कर रही थी? यह सब सवाल विपक्षी दल भाजपा ने नहीं पूछा। हलाँकि विवादित स्थल को हाईकोर्ट के आदेश से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को सौप दिया गया है।

हाईकोर्ट ने अवशेषो के आधार पर पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को रिपोर्ट देने के लिये आदेश दिया है लेकिन यह संदेहात्मक है क्योकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग वैसा ही है जैसे ट्यूबवेल विभाग, इसके सर्वेक्षण वहुत सही नही रहे है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग आज तक इस बात का पता नही लगा पाई कि यदि ताज महल के भीतरी ढांचे जिसमे कब्र है को शिव मन्दिर के गर्भ गृह के उपर बनाया है तो किस तरह बनवाया गया था? भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की दूसरी बात यह है कि साठ सालो से यह हिन्दू संस्कृति तथा इतिहास के साथ खिलवाड करती रही है। यह कांग्रेस का इतिहास तथा सर्वेक्षण विभाग है जो शिवमन्दिर तथा विष्णुमन्दिर के भग्नावशेषो मे मस्जिद खोजता रहा है। खैर, इन सबके बीच शुभाष पार्क विवादित स्थल पर सब कुछ रूक गया है लेकिन शोएब को उस विवादित स्थल पर नमाज पढवाने तथा कुई निर्माणं करवाने के लिये अभी तक गिरप्तार नही किया गया है। कांग्रेस के इस सेक्यूलरिज्म को अब खत्म किया जाना चाहिये।
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