Tuesday, February 26, 2013
Monday, February 25, 2013
Wednesday, February 20, 2013
सिख विरोधी दंगा: टाइटलर पर CBI की सुस्ती से अदालत नाराज
नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस
के नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ अंतिम बहस को आगे बढ़ाने में केंद्रीय जांच
ब्यूरो (सीबीआई) की असफलता पर कड़ा रुख अपनाया है।
उधर इस दंगे के पीड़ितों के परिवारों ने न्याय देने में कथित देरी के खिलाफ कड़कडड़ूमा अदालत परिसर के बाहर धरना-प्रदर्शन किया। इन लोगों ने अपने लिये और दंगों के दौरान मारे गए अपने परिवार के सदस्यों के लिये न्याय की मांग करते हुए नारेबाजी की।
मामले की सुनवायी के दौरान अदालत ने सीबीआई के वकील को अगली सुनवायी (20 मार्च) के दिन बहस शुरू करने का निर्देश दिया और कहा कि ऐसा नहीं होने की सूरत में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुना दिया जाएगा। एजेंसी के वकील का कहना था कि वह आज बहस के लिये तैयार नहीं है। वकील ने बहस के लिए और समय देने का अनुरोध किया था।
इस पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनुराधा शुक्ला भारद्वाज ने कहा, ‘‘अगर सीबीआई ने सुनवायी की अगली तारीख यानी 20 मार्च को बहस आगे नहीं बढ़ायी, तो उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुना दिया जाएगा।’’
अदालत दंगा पीडि़त की पत्नी लखविंदर कौर की उस याचिका पर सुनवायी कर रही है जिसमें सीबीआई द्वारा मामला बंद करने की रिपोर्ट और इसमें टाइटलर को बेदाग करार दिये जाने के निष्कर्ष को चुनौती दी गई है। लखविंदर के पति बादल सिंह की हत्या इस दंगे के दौरान कर दी गई थी।
मामले में आज सीबीआई की ओर से बहस होनी थी क्योंकि सुनवायी की पिछली तारीख के दिन एजेंसी के वकील उपलब्ध नहीं थे। इस दिन पीड़ितों की ओर से वरिष्ठ वकील एचएस फुल्का और कामना वोहरा ने अपनी बहस पूरी की थी।
सीबीआई के वकील संजय कुमार ने कहा कि चूंकि उन्हें हाल ही में मामले की जिम्मेदारी मिली है, इसलिये वह बहस के लिये पूरी तरह तैयार नहीं हैं। दंगा पीड़ितों के परिजनों ने सीबीआई की ओर से आज बहस नहीं किए जाने का कड़ा विरोध किया।
उधर इस दंगे के पीड़ितों के परिवारों ने न्याय देने में कथित देरी के खिलाफ कड़कडड़ूमा अदालत परिसर के बाहर धरना-प्रदर्शन किया। इन लोगों ने अपने लिये और दंगों के दौरान मारे गए अपने परिवार के सदस्यों के लिये न्याय की मांग करते हुए नारेबाजी की।
मामले की सुनवायी के दौरान अदालत ने सीबीआई के वकील को अगली सुनवायी (20 मार्च) के दिन बहस शुरू करने का निर्देश दिया और कहा कि ऐसा नहीं होने की सूरत में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुना दिया जाएगा। एजेंसी के वकील का कहना था कि वह आज बहस के लिये तैयार नहीं है। वकील ने बहस के लिए और समय देने का अनुरोध किया था।
इस पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनुराधा शुक्ला भारद्वाज ने कहा, ‘‘अगर सीबीआई ने सुनवायी की अगली तारीख यानी 20 मार्च को बहस आगे नहीं बढ़ायी, तो उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुना दिया जाएगा।’’
अदालत दंगा पीडि़त की पत्नी लखविंदर कौर की उस याचिका पर सुनवायी कर रही है जिसमें सीबीआई द्वारा मामला बंद करने की रिपोर्ट और इसमें टाइटलर को बेदाग करार दिये जाने के निष्कर्ष को चुनौती दी गई है। लखविंदर के पति बादल सिंह की हत्या इस दंगे के दौरान कर दी गई थी।
मामले में आज सीबीआई की ओर से बहस होनी थी क्योंकि सुनवायी की पिछली तारीख के दिन एजेंसी के वकील उपलब्ध नहीं थे। इस दिन पीड़ितों की ओर से वरिष्ठ वकील एचएस फुल्का और कामना वोहरा ने अपनी बहस पूरी की थी।
सीबीआई के वकील संजय कुमार ने कहा कि चूंकि उन्हें हाल ही में मामले की जिम्मेदारी मिली है, इसलिये वह बहस के लिये पूरी तरह तैयार नहीं हैं। दंगा पीड़ितों के परिजनों ने सीबीआई की ओर से आज बहस नहीं किए जाने का कड़ा विरोध किया।
Subscribe to:
Posts (Atom)