Wednesday, February 20, 2013

हेलिकॉप्टर सौदा रद्द करने पर सरकार में मतभेद?

 मंगलवार, 19 फ़रवरी, 2013 को 16:23 IST तक के समाचार
हेलिकॉप्टर
खबरें आई थी कि खुर्शीद ने रक्षा मंत्रालय के सौदा रद्द करने के फैसले को लेकर एतराज़ जताया है जिसे उन्होंने खारिज किया है
भारत के विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और रक्षा मंत्री एके एंटनी ने अगस्टा वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदा रद्द करने को लेकर सरकार के बीच मतभेद होने की खबरों को खारिज किया है.
मंत्रालय ने कहा था कि 12 इतालवी हेलिकॉप्टरों की खरीद वाले क्लिक करें 3600 करोड़ रुपए के विवादास्पद सौदे को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
ऐसी खबरें आई थीं कि खुर्शीद ने रक्षा मंत्रालय के सौदा रद्द करने के फैसले को लेकर ऐतराज़ जताया है और उन्होंने डील रद्द करने के फैसले में जल्दबाजी की ओर इशारा किया है.
लेकिन स्पष्टीकरण देते हुए खुर्शीद ने पत्रकारों से कहा है, ''मैंने कोई ऐतराज़ नहीं जताया है. मैंने वही कहा है जो उचित है.
उन्होंने कहा, ''इस पर फैसला रक्षा मंत्रालय के नेतृत्व में सरकार का होना चाहिए. हमें मीडिया या गलियों में कोई फैसला नहीं लेना चाहिए.''
पूछने पर कि क्या रक्षा मंत्रालय बिना किसी से राय लिए कदम उठा रहा है तो उन्होंने कहा कि ''यह रक्षा मंत्रालय का काम है कि वो इस पर फैसला ले. इसके बाद फिर ये फ़ैसला ऊपर जाना चाहिए.''
एंटनी ने भी ऐसी खबरों को खारिज करते हुए कहा कि उनका विदेश मंत्रालय से कोई मतभेद नहीं है.
"इस पर फैसला रक्षा मंत्रालय के नेतृत्व में सरकार का होना चाहिए. हमें मीडिया या गलियों में कोई फैसला नहीं लेना चाहिए."
सलमान खुर्शीद
रक्षा मंत्री ने कहा कि हेलीकॉप्टर डील पर ''सरकार में तालमेल की कोई कमी नहीं है.''

'पूरी सतर्कता बरती'

एंटनी ने कहा कि इस मामले में उठे विवाद से वो दुखी हैं. उन्होंने कहा, ''हमने पूरी सतर्कता बरती. कई कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया. इस मामले में हम संसद में विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.''
उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय के साथ तालमेल न होने का कोई सवाल नहीं है.
गौरतलब है कि अगस्ता वेस्टलैंड का सौदा वर्ष 2010 में हुआ था.
रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कंपनी को चेतावनी देते हुए कहा था कि उसके साथ करार रद्द किया जा सकता है और पैसा वापस लिया जा सकता है.
उसने यह भी कहा था कि कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है और क़ानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.

दोनो में 'अनबन'

रक्षा मामलों की प्रतिष्ठित पत्रिका जेंस डिफेंस वीकली के भारत के संवाददाता राहुल बेदी का मानना है कि दोनों में अनबन है और इसका कारण दोनों मंत्रियों की शख्सियतें भी हो सकती हैं.
वे कहते हैं, ''एंटनी एक ऐसे मंत्री हैं जो खुद को साफ और ईमानदार छवि के मानते हैं. पिछले सालों में उन्होंने कई कंपनियों पर रोक लगाई है जिससे सेना को काफी चोट पहुंची है.''
''लेकिन सरकार में ऐसी सोच है कि इस तरह की ब्लैकलिस्टिंग प्रतिकूल साबित हुई है.''
वे कहते हैं, ''अभी तीन ही हेलिकॉप्टर आए हैं लेकिन सरकार में एक सोच यह है कि सभी 12 हेलिकॉप्टर भारत आने चाहिए खास तौर पर तब जबकि किसी पर कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है.''
बुधवार सुबह से देशभर में दो दिन का राष्‍ट्रव्‍यापी बंद शुरू हो गया है. बंद को देखते हुए सभी राज्‍य सरकारों और केंद्र सरकार ने पूरी तैयारियां कर ली हैं. दो दिनों की देशव्यापी हड़ताल को देखते हुए राजधानी दिल्‍ली में आम जनजीवन बाधित हो सकता है क्योंकि शहर के कई मजदूर संघ आंदोलन को अपना समर्थन दे रहे हैं.
मुंबई में नहीं दिखेगा हड़ताल का असर
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में हड़ताल का कम असर होने की संभावना है, क्‍योंकि यहां बसें, ट्रक, रेल, ऑटो और टैक्‍सी रोज की तरह ही चलेंगे. हालांकि हड़ताल को शिवसेना का समर्थन हासिल है.

राजधानी दिल्‍ली में सार्वजनिक परिवहन, कई अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों और बैंकों का कामकाज बाधित हो सकता है क्योंकि इन सेवाओं से जुड़े कामगारों के एक धड़े ने 11 मजदूर संघों द्वारा आहुत इस हड़ताल को समर्थन देने की घोषणा की है.
कई ऑटोरिक्शा और टैक्सी संघों ने हड़ताल का समर्थन करने का फैसला किया है जिससे नियमित यात्रा करने वाले, विशेषकर स्कूली बच्चों और ऑफिस जाने वाले लोगों को असुविधा हो सकती है. आजादपुर थोक बाजार के बड़े मजदूर संघों ने भी हड़ताल में शामिल होने की बात कही है जिससे राजधानी में फलों और सब्जियों की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है.
राष्ट्रव्यापी हड़ताल से पहले मजदूर संघों ने लिया ‘स्थिति का जायजा’
दस मांगों को लेकर बुधवार सुबह से शुरू हुई दो दिनों की आम हड़ताल से पहले मंगलवार को दिल्‍ली में बड़े मजदूर संघों ने अलग-अलग बैठकें कीं. सीटू के महासचिव तपन सेन ने कहा कि बैठकें मूल रूप से हड़ताल से पहले की ‘स्थिति का जायजा लेने’ के लिए आयोजित की गयीं.

उन्होंने कहा कि सरकार को मांगों को पूरा करने के लिए काफी समय दिया गया लेकिन वह श्रमिक वर्ग को प्रभावित कर रही समस्याओं को सुलझाने में नाकाम रही.
बड़े उद्योगों को हड़ताल से उत्पादन नुकसान की आशंका
पंजाब और हरियाणा के मझोले तथा बड़े उद्योग ने ट्रेड यूनियनों की दो दिन की हड़ताल के दौरान उत्पादन नुकसान की आशंका जताई है. उल्लेखनीय है कि ट्रेड यूनियनों ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है.

सबसे बड़ी साइकिल कंपनी हीरो साइकिल्स के निदेशक एस.के. राय ने कहा, ‘दो दिन की हड़ताल का असर पड़ेगा. इससे उत्पादन का नुकसान हो सकता है. हम अपना उत्पादन जारी रखने का प्रयास करेंगे. यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कितने कर्मचारी काम पर आते हैं.’
करनाल के एक उद्योगपति ने कहा कि हम चाहते हैं कि काम पर असर न पड़े. सूक्ष्म और लघु उद्योगों को हालांकि हड़ताल का ज्यादा असर पड़ने की आशंका नहीं है. पंजाब में करीब 1.70 लाख लघु इकाइयां हैं. वहीं हरियाणा में 1212 बड़े और मझोले उद्योग हैं.