हेलिकॉप्टर सौदा रद्द करने पर सरकार में मतभेद?
मंगलवार, 19 फ़रवरी, 2013 को 16:23 IST तक के समाचार
भारत के विदेश मंत्री सलमान
खुर्शीद और रक्षा मंत्री एके एंटनी ने अगस्टा वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदा
रद्द करने को लेकर सरकार के बीच मतभेद होने की खबरों को खारिज किया है.
मंत्रालय ने कहा था कि 12 इतालवी हेलिकॉप्टरों की खरीद वाले
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3600 करोड़ रुपए के विवादास्पद सौदे को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
ऐसी खबरें आई थीं कि खुर्शीद ने रक्षा मंत्रालय के सौदा रद्द करने के फैसले को लेकर ऐतराज़ जताया है और उन्होंने डील रद्द करने के फैसले में जल्दबाजी की ओर इशारा किया है.
लेकिन स्पष्टीकरण देते हुए खुर्शीद ने पत्रकारों से कहा है, ''मैंने कोई ऐतराज़ नहीं जताया है. मैंने वही कहा है जो उचित है.
उन्होंने कहा, ''इस पर फैसला रक्षा मंत्रालय के नेतृत्व में सरकार का होना चाहिए. हमें मीडिया या गलियों में कोई फैसला नहीं लेना चाहिए.''
पूछने पर कि क्या रक्षा मंत्रालय बिना किसी से राय लिए कदम उठा रहा है तो उन्होंने कहा कि ''यह रक्षा मंत्रालय का काम है कि वो इस पर फैसला ले. इसके बाद फिर ये फ़ैसला ऊपर जाना चाहिए.''
एंटनी ने भी ऐसी खबरों को खारिज करते हुए कहा कि उनका विदेश मंत्रालय से कोई मतभेद नहीं है.
"इस पर फैसला रक्षा मंत्रालय के नेतृत्व में सरकार का होना चाहिए. हमें मीडिया या गलियों में कोई फैसला नहीं लेना चाहिए."
सलमान खुर्शीद
'पूरी सतर्कता बरती'
एंटनी ने कहा कि इस मामले में उठे विवाद से वो दुखी हैं. उन्होंने कहा, ''हमने पूरी सतर्कता बरती. कई कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया. इस मामले में हम संसद में विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.''उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय के साथ तालमेल न होने का कोई सवाल नहीं है.
गौरतलब है कि अगस्ता वेस्टलैंड का सौदा वर्ष 2010 में हुआ था.
रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कंपनी को चेतावनी देते हुए कहा था कि उसके साथ करार रद्द किया जा सकता है और पैसा वापस लिया जा सकता है.
उसने यह भी कहा था कि कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है और क़ानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.
दोनो में 'अनबन'
रक्षा मामलों की प्रतिष्ठित पत्रिका जेंस डिफेंस वीकली के भारत के संवाददाता राहुल बेदी का मानना है कि दोनों में अनबन है और इसका कारण दोनों मंत्रियों की शख्सियतें भी हो सकती हैं.वे कहते हैं, ''एंटनी एक ऐसे मंत्री हैं जो खुद को साफ और ईमानदार छवि के मानते हैं. पिछले सालों में उन्होंने कई कंपनियों पर रोक लगाई है जिससे सेना को काफी चोट पहुंची है.''
''लेकिन सरकार में ऐसी सोच है कि इस तरह की ब्लैकलिस्टिंग प्रतिकूल साबित हुई है.''
वे कहते हैं, ''अभी तीन ही हेलिकॉप्टर आए हैं लेकिन सरकार में एक सोच यह है कि सभी 12 हेलिकॉप्टर भारत आने चाहिए खास तौर पर तब जबकि किसी पर कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है.''