Wednesday, September 21, 2011

पीएसी रिपोर्ट संसद में पेश हो: जोशी

मुरली मनोहर जोशी
जोशी ने ये नहीं बताया कि अगर लोकसभा अध्यक्ष उनकी रिपोर्ट ख़ारिज कर देती हैं तो वो क्या करेगें
भाजपा और कांग्रेस के बीच 2 जी घोटाले पर लोक लेखा समिति कि रिपोर्ट को मुरली मनोहर जोशी ने लोक सभा अध्यक्ष के पास भिजवा दिया है और अध्यक्ष से ये आग्रह किया है कि इस रिपोर्ट को मंज़ूर करें.
एक प्रेस कांफ़्रेंस में उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि अब ये रिपोर्ट संसद में पेश की जाए.
रिपोर्ट लोक सभा अध्यक्ष के पास भिजवाने के बाद जोशी ने पत्रकारों से बात करते हुए आरोप लगाया कि समिति में कांग्रेस सदस्यों ने केंद्रीय मंत्रियों के दिशा निर्देशों पर काम करते हुए हंगामा किया.
उन्होंने कहा, "समिति में रिपोर्ट का विरोध करने वाले यूपीए से संबंधित संसद सदस्यों के पास पर्चियाँ आ रही थीं."
जोशी ने चिदम्बरम के बयानों से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में कहा, "जो मंत्रिगण समिति के सदस्यों को कठपुतलियों की तरह नचा रहे थे उनका नेतृत्व कौन कर रहा था?".

'विरोध असंवैधानिक'

मामले का राजनीतिकरण न करें. रिपोर्ट का विरोध करने का सबको अधिकार है लेकिन दलगत आधारों पर पीएसी का कामकाज नहीं चल सकता. भ्रष्टाचार का समर्थन करने वाली सरकार ज़्यादा दिन नहीं टिकेगी.
मुरली मनोहर जोशी
लोक लेखा समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी से जब ये पूछा गया कि समिति के सदस्यों ने बहुमत से जब उनकी रिपोर्ट खारिज कर दी तो रिपोर्ट का क्या मतलब रह जाता है तो उन्होंने सदस्यों के कदम को 'असंवैधनिक' बताया .
उन्होंने कहा, " ये तो उसी तरह हुआ कि हमारे विश्वविद्यालय छात्र हड़ताल के दौरान एक बैठक कर के कुलपति को बर्खास्त कर देते थे और किसी दोस्त को कुलपति घोषित कर देते थे. उनके द्वारा नामित कुलपति फिर कुल सचिव को बर्खास्त कर देता था. जब मैंने मत विभाजन की अनुमति ही नहीं तो मत का कोई मतलब ही नहीं है."
रिपोर्ट पर हुए विवाद पर उन्होंने कहा, "मामले का राजनीतिकरण न करें. रिपोर्ट का विरोध करने का सबको अधिकार है लेकिन दलगत आधारों पर पीएसी का कामकाज नहीं चल सकता. भ्रष्टाचार का समर्थन करने वाली सरकार ज़्यादा दिन नहीं टिकेगी. हमारी अपेक्षा है कि ये रिपोर्ट संसद में पेश हो."

'जोशी को चुनौती'

जोशी ने मत विभाजन इसलिए नहीं करवाया क्योंकि उन्हें पता था कि बहुमत उनके ख़िलाफ़ है. मैं जोशी जी को चुनौती देता हूँ कि वो आज मत विभाजन करा लें
अभिषेक मनु सिंघवी
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मुरली मनोहर जोशी के ऊपर पलटवार करते हुए कहा कि सदस्य नहीं जोशी नियम के ख़िलाफ़ काम कर रहे थे.

सिंघवी ने दावा किया, "जोशी ने मत विभाजन इसलिए नहीं करवाया क्योंकि उन्हें पता था कि बहुमत उनके ख़िलाफ़ है. मैं जोशी जी को चुनौती देता हूँ कि वो आज मत विभाजन करा लें."
इस रिपोर्ट को लेकर हाल के दिनों में पीएस की बैठक में जमकर हंगामा हुआ है. दरअसल मीडिया में इस रिपोर्ट के मसौदे के लीक होने की ख़बर पर विवाद खड़ा हो गया था.
लीक रिपोर्ट में 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाले के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय, कैबिनेट सचिवालय और ख़ुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भी कई सवाल उठाए गए हैं.
ये भी कहा जा रहा है कि इस रिपोर्ट में वित्त मंत्री के रूप में पी चिदंबरम के कार्यकाल की भी आलोचना की गई है.
लोक लेखा समिति का कार्यकाल शनिवार, 30 अप्रैल तक ही था.
अब नए अध्यक्ष का चयन होना है और परंपरा के अनुरुप नया अध्यक्ष भी विपक्ष का ही होगा.

स्पैक्ट्रम की आँच मनमोहन सिंह तक पहुंची

ए राजा
पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने कहा है कि 2जी स्पैक्ट्रम ममाले में उन्होंने जो भी फ़ैसले किए, वो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उस समय के वित्त मंत्री पी चिदंबरम की मौजूदगी में हुए.

'प्रधानमंत्री और चिदंबरम इस्तीफ़ा दें'

2-जी स्पैक्ट्रम मामले में ए राजा की टिप्पणी के बाद विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर हल्ला बोल दिया है. भाजपा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पी चिदंबरम के त्यागपत्र की मांग की है.
नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि ए राजा ने अदालत में जो भी कहा है कि उससे स्पष्ट हो जाता है कि 2-जी स्पैक्ट्रम को लेकर जो भी फ़ैसले हुए, वे सब प्रधानमंत्री और तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम की मौजूदगी में हुए.
उन्होंने कहा, "हम शुरू से ही ये कहते आ रहे थे कि इस घोटाले में सरकार के किसी एक मंत्री की भूमिका नहीं है. अब राजा की टिप्पणी के बाद ये स्पष्ट हो चुका है."
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम के त्यागपत्र की मांग करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि वे अब ये जानना चाहते कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भ्रष्टाचार के मामले में क्या रुख़ अपनाती हैं.

स्पष्ट करें सोनिया गांधी

उन्होंने कहा, "मैं सोनिया जी से ये पूछना चाहता हूँ कि इस प्रकरण में शामिल दोनों नेताओं पर वे क्या कार्रवाई करेंगी. क्योंकि इन दोनों ने राजनीतिक, वैधानिक और नैतिकता के आधार पर पद पर बने रहने का अधिकार गँवा दिया है."
सोनिया जी से ये पूछना चाहता हूँ कि इस प्रकरण में शामिल दोनों नेताओं पर वे क्या कार्रवाई करेंगी. क्योंकि इन दोनों ने राजनीतिक, वैधानिक और नैतिकता के आधार पर पद पर बने रहने का अधिकार गँवा दिया है
नितिन गडकरी
दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने भाजपा की मांग को ख़ारिज करते हुए कहा है कि विपक्ष एक अभियुक्त की बात पर इस्तीफ़े की मांग कर रहा है.
उन्होंने कहा कि इस मामले की सीबीआई जाँच चल रही है और कुछ भी साबित नहीं हुआ है और भाजपा त्यागपत्र की कैसे मांग कर सकती है.
कपिल सिब्बल ने कहा, "भाजपा की मांग दुर्भाग्यपूर्ण है. एक अभियुक्त अपने बचाव में कुछ भी कह सकता है."
कांग्रेस ने भी भारतीय जनता पार्टी की मांग पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने भाजपा की मांग को ठुकराते हुए कहा कि एक अभियुक्त के बयान पर ऐसी मांग करना बेकार है.
उन्होंने कहा कि मामला अदालत के विचाराधीन है और सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी और अब आरोप तय करने के लिए बहस हो रही है.
मनीष तिवारी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के मामले पर भाजपा पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि इसमें कई शीर्ष लोग शामिल हैं, इसलिए पार्टी येदियुरप्पा पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही.
भाजपा की मांग दुर्भाग्यपूर्ण है. एक अभियुक्त अपने बचाव में कुछ भी कह सकता है
कपिल सिब्बल
दूसरी ओर नितिन गडकरी ने कहा कि भाजपा ने पहले ही सीबीआई से मिलकर ये मांग की थी कि वह उस समय के वित्त मंत्री पी चिदंबरम की भूमिका की जाँच करे और अब ए राजा ने इसे स्पष्ट कर दिया है कि दोनों की क्या भूमिका थी.
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि ये हिंदुस्तान के इतिहास का सबसे बड़ा स्कैंडल है और सीएजी ने कहा है कि इसमें एक लाख 76 हज़ार करोड़ का घोटाला हुआ है.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार ने ये निर्णय लिया था कि 2-जी स्पैक्ट्रम का निर्णय वित्त मंत्रालय की अनुमति से हो और ओपन ऑक्शन हो.
लेकिन बाद में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ओपन ऑक्शन को कैसे रद्द कर दिया और चिदंबरम ने कोई कार्रवाई नहीं की.